पाकिस्तान से लगातार आतंकियों को पनाह दी जा रही है। दुनिया भर में आतंक को बढ़ावा देने वाले पाकिस्तान को एक बार फिर झटका लगने वाला है। सूत्रों के अनुसार पता चला है कि, पाकिस्तान FATF की ग्रे लिस्ट में ही रहेगा। यह फैसला तब लिया गया है।
जब एफएटीएफ के एक्शन प्लान के अंतर्गत मापदंडों का पालन करने में पाकिस्तान असफल रहा। लेकिन वहीं पाकिस्तान एफएटीएफ की ग्रे लिस्ट से बाहर निकलने की कोशिश में लगा हुआ है। लेकिन पाकिस्तान इस कोशिश में कामयाब नहीं हो पा रहा है।
पाकिस्तान पर आतंकियों को पनाह देने और साथ साथ एफएटीएफ के मापदंडों को पूरा करने में नाकाम रहा है। जिसको देखते हुए पाकिस्तान को एक बार फिर गिरे लिस्ट में रखने का फैसला लिया गया है। आपको बता दें कि 21 से 23 अक्टूबर के बीच FATF की डिजिटल माध्यम से वार्षिक बैठक हुई। जिसमें 7 बिंदुओं की कार्य योजना पर समीक्षा की गई।
बुधवार से शुरू हुई फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स की वर्चुअल बैठक में शुक्रवार को, इस पर फैसला लिया गया कि, पाकिस्तान अब फरवरी 2021 तक ग्रे लिस्ट में बना रहेगा। वहीं बीते कुछ समय से इस बैठक को लेकर भारत समेत कई देशों की निगाहें टिकी थी।
फरवरी 2020 में हुई बैठक
एफएटीएफ की फरवरी में हुई बैठक में पाकिस्तान ग्रे लिस्ट से बाहर निकलने में असफल रहा था। एफएटीएफ की ये बैठक फरवरी में फ्रांस की राजधानी पेरिस में हुई थी। जिसमें पाकिस्तान को जून 2020 तक का वक्त दिया गया था।
लेकिन कोरोना के चलते इस अवधि को 4 महीने के लिए बढ़ा दिया गया था। जिसमें पाकिस्तान 27 बिंदुओं की कार्य योजना की समीक्षा की गई थी। जिसको पाकिस्तान पूरा नहीं कर सका। जिसको देखते हुए एफएटीएफ ने पाकिस्तान को ग्रे लिस्ट में डाल दिया।
कर्ज में डूबा पाकिस्तान एफएटीएफ की ग्रे सूची से निकलने के लिए लगातार कोशिश में लगा है। वो अगस्त महीने में 88% प्रतिबंधित आतंकवादी संगठनों और उनके नेताओं पर वित्तीय पाबंदी लगाई थी। जिसमें मुंबई हमले का सरगना हाफिज सईद, मसूद अजहर, अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम भी शामिल था।
तुर्की का प्रस्ताव
एफएटीएफ प्लेनरी में तुर्की ने ये प्रस्ताव दिया कि 27 में से शेष 6 मापदंडों को पूरा करने के लिए इंतजार करने की वजह पाकिस्तान के अच्छे काम पर थोड़ा विचार करना चाहिए। जब यह प्रस्ताव 38 सदस्य प्लेनरी के सामने रखा गया तो किसी भी सदस्य ने इस प्रस्ताव को नहीं माना। यहां तक कि चीन सऊदी अरब और मलेशिया ने भी इस को मंजूरी नहीं दी। जिसके कारण एफएटीएम ने फरवरी 20 21 तक पाकिस्तान को ग्रे लिस्ट में रखने का फैसला किया है।