नई दिल्ली: अगर आप ऑनलाइन शॉपिंग करते वक्त किसी फ्रॉड का शिकार Online Banking Fraud हो जाते हैं तो अव घबराने की जरुरत नहीं है। बैंक को शिकायत करने पर 10 दिन के भीतर आपको अपना पैसा वापस मिल सकता है। अगर आपका बैंक तय वक्त में शिकायत का संज्ञान नहीं लेता है तो रिजर्व बैंक के CMS पोर्टल यानी कंपलेंट मैनेजमेंट सिस्टम (Complaint Management System) में शिकायत दर्ज कराई जा सकती है। फिर भी अगर बैंक ग्राहक की शिकायत का निपटारा नहीं करता है तो बैंक पर रिजर्व बैंक जुर्माना भी लगा सकता है।
Online Banking Fraud रिजर्व बैंक (RBI) ने दो बैंकों पर लगाया जुर्माना
रिजर्व बैंक (RBI) ने हाल ही में ग्राहकों के हितों को सर्वोपरी रखते हुए दो बड़े बैंकों पर जुर्माना लगाया है। रिजर्व बैंक ने SBI पर 1 करोड़ रुपये, स्टैंडर्ड चार्टर्ड बैंक पर 1.95 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया है। आरबीआई के मुताबिक SBI ने कमर्शियल बैंकों और चुनिंदा वित्तीय संस्थानों (Financial Institutions) की ओर से ग्राहकों के साथ हुई धोखाधड़ी के फ्रॉड क्लासिफिकेशन और उनकी रिपोर्टिंग किए जाने के नियमों का उल्लंघन किया।
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बैंकों ने की ये बड़ी लापरवाही
स्टैंडर्ड चार्टर्ड बैंक ने अनऑथराइज्ड ट्रांजैक्शन की रकम लौटाने में देरी की थी। जिसके लिए रिजर्व बैंक ने जुर्माना 1.95 करोड़ रुपये लगाया और SBI ने ग्राहक खाते में फ्रॉड की रिपोर्टिंग में देरी की थी, इस वजह से 1 करोड़ रुपये का जुर्माना बैंक पर लगाया गया है।
रिजर्व बैंक का बैंकों और फाइनेंशियल इंस्टिट्यूट्स को सख्त और साफ संदेश है कि ग्राहकों की शिकायतों पर संज्ञान नहीं लेने और देरी से निपटारा करने पर जुर्माना देना होगा। इसलिए बैंकिंग से जुड़े ट्रांजैक्शन करने वाले लोगों को भी अपने अधिकारों की जानकारी होनी चाहिए।
ऑनलाइन फ्रॉड से बचने के लिए ग्राहक जरूर बरतें ये सावधानी
- ग्राहकों को ऑनलाइन शॉपिंग या ट्रांजैक्शन के वक्त अलर्ट रहने की जरुरत है ताकि वह किसी तरह के फ्रॉड के शिकार होने से बच पाएं।
- जब कभी भी आप ऑनलाइन शॉपिंग करें तो हमेशा कोशिश करिए कि जिस कंप्यूटर या मोबाइल से पेमेंट कर रहे हैं उसमें एंटीवायरस मौजूद हो।
- साथ ही आपका सॉफ्टवेयर हमेशा अपडेटे रहना भी जरूरी है।
- इसके अलावा कभी भी बैंकिंग पासवर्ड को अपने कंप्यूटर में सेव नहीं करना चाहिए।
- लॉकडाउन के दौरान ऑनलाइन फ्रॉड जैसे साइबर क्राइम के मामलों में काफी इजाफा हुआ है।
- एक रिपोर्ट के मुताबिक पिछले एक साल में ही 2.7 करोड़ से ज्यादा लोग आइडेंटिटी हैकर्स का टारगेट हुए हैं।