Mansa Musa: आज से लगभग 750 सौ साल पहले 1280 ई में अफ्रीका के किसी अनजान जगह पर मनसा मूसा (king Mansa Musa) का जन्म हुआ था। उनकाा पूरा नाम मूसा कीटा (Musa keta) था। उनके पिता का नाम फागा लेय (faga laye) था। 33 साल की उम्र में मनसा मूसा अबू बकर के बाद सन 1312 ई में (Musa I of Mali) माली सम्राज्य का राजा बना। मनसा मूसा (Mansa Musa religion) का सम्राज्य अफ्रीका के कई देशों में फैला था। आज के मॉरिटानिया,सेनगल, गवियां, गिनिया बुर्किना, फासो, माली, नाइजर, नाइजीरिया तक मूसा के सल्तनत हुआ करते थे।
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Mansa Musa सबसे अमीर मुसलमान
मनसा मूसा अपने साम्राज्य में दयालुता और अपने असीमित दौलत की वजह से मशहूर हुआ करते थे। मनसा मूसा के पास इतनी दौलत थी, कि आज के दौर में इसका हिसाब किताब भी नहीं लगाया जा सकता है, फिर भी एक अंदाज के मुताबिक मनसा मूसा के पास 4 लाख मिलियन डॉलर के बराबर की दौलत थी।
कौन था मनसा मूसा (who was Mansa Musa)
मनसा मूसा माली देश के राजा थे।(Mansa Musa was king of Mali) उनका जन्म साल 1280 में माली देश में हुआ था। इस राजा ने करीब 1312 से 1337 तक शासन किया और अरबों की संपत्ति जुटाई। उनकी पत्नी का नाम Inari lunate था। इनके पास इतनी दौलत थी कि ऐसा कहा जाता है कि अगर ये अभी जिंदा होते तो दुनिया के सबसे अमीर व्यक्ति होते। इस राजा का पूरा नाम मूसा कीटा प्रथम (Musa Kita pratham) था। आज के मॉरीटानिया, सेनेगल, गांबिया, गिनिया, बुर्किना फासो, माली, नाइजर, चाड और नाइजीरिया तब मूसा की सल्तनत का ही हिस्सा थे।
King Mansa Musa मूसा को नमक और सोने का व्यापार था
मनसा मूसा माली सम्राज्य में नमक और सोने का व्यापार सबसे ज्यादा व्यापार हुआ करता था। यह वो वक्त था जब यूरोपियन देश गरीबी की वजह से गृह युद्ध के चपेट में था। माना जाता है कि मनसा मूसा का पश्चिमी अफ्रीकी साम्राज्य था। दुनिया में सोने का सबसे बड़ा उत्पादक राज्य था। वह भी ऐसे समय में जब दुनिया में तेजी से सोने की मांग बढ़ रही थी। अनुमान के मुताबिक 1 साल में माली सम्राज्य में लगभग 1 हजार किलो सोने का उत्पादन किया जाता था।
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Mansa Musa religion मूसा का मशहूर हज यात्रा
मनसा मूसा के दौर में सबसे मशहूर कहानी है। उसकी हज यात्रा सन् 1324 ई में मनसा मूसा हज करने का मन बनाया। मगर हैरान करने वाली बात यह है। मनसा मूसा अकेला नहीं बल्कि अपने 60 हजार लोगों को अपने साथ लेकर हज करने निकला था। इतिहासकार कहते हैं, इन 60 हजार लोगों में से 12 हजार तो केवल मनसा मूसा के नौकर थे।
सफर के दौरान मनसा मूसा के आगे 500 ऐसे लोग चल रहे थे। जिन्होंने बेहतरीन रेशमी लिबास पहना था, और इनके हाथ में दो 2-2 किलो सोने की एक छड़ी थी। इस काफिले मे कई सौ घोड़े और ऊंट थे। 80 ऊंट ऐसे थे जिनमें से हर ऊंट पर 136 किलो सोना लदा था। मनसा मूसा के इस सफर में जब भी कभी जुमा आता, तो मनसा मूसा हर जूमे में ठहर कर एक मस्जिद बनाने का हुक्म देता।
मिस्र के लोगों को रातों-रात किया अमीर
जहां जहां से मनसा मूसा का काफिला गुजरा लोगों की आंखें फटी की फटी रह गई। मनसा मूसा का यह काफिला मिस्र की राजधानी काहिरा से भी गुजरा। मनसा मूसा ने काहिरा के गरीबों को देखकर सोने के सिक्के सड़कों पर बिखेर दिए। मिस्र के लोग रातों रात अमीर हो गए। जिसकी वजह से महंगाई आसमान छूने लगी।अपनी हज यात्रा से लौटने के बाद मनसा मूसा ने माली में कई मस्जिद बनवाएं। जिनमें से कुछ मस्जिद आज भी मौजूद है।
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टिंबकटू में मूसा ने शिक्षा केंद्र बनाएं
अपने खास शहर टिंबकटू में मूसा ने स्कूल, विश्वविद्यालय मदरसे आदि का निर्माण किया था। हज यात्रा के पहले मनसा मूसा को चंद देश ही जानते थे।मगर हज यात्रा के बाद पूरी दुनिया में मनसा मूसा के चर्चे होने लगी। मनसा मूसा की दौलत ने पूरी दुनिया के रोंगटे खड़े कर डाले थे। मनसा मूसा की अमीरी के किस्से जब यूरोप में फैली तो यूरोपियन लोगो को यकीन ही नहीं हुआ कि इतना अमीर भी कोई हो सकता है।
मगर जब यूरोपियन इतिहासकार मनसा मूसा के साम्राज्य में पहुंचे तो, मनसा मूसा की दौलत को देखकर दंग रह गए और इसी वजह से सन 1375 ई में स्पेनिश कार्टोग्राफर अब्राहम क्रैसकस द्वारा बनाई गई। इस मानचित्र में हाथ में सोने के सिक्के और सोने की छड़ी पकड़े। सर पर सोने का ताज पहनने और सोने के सिंहासन पर बैठे मनसा मूसा को दिखाया गया है।