केरल में जीका वायरस के बढ़ते मामलों ने चिंता बढ़ा दी है। वही महाराष्ट्र के पुणे में एक मामला मिलने से हड़कंप मचा है। स्वास्थ्य मंत्री वीणा जॉर्ज के मुताबिक, रविवार को तीन और लोगों में जीका की पुष्टि हुई है। राज्य में अब कुल 63 लोगों में संक्रमण फैल चुका है। पहला मामला 7 जुलाई को सामने आया था। तिरुवनंतपुरम में 24 साल की एक गर्भवती महिला जीका वायरस से संक्रमित मिली। इसके बाद कई अन्य जिलों से भी मामले सामने आने लगे। केरल से सटे तमिलनाडु और कर्नाटक के सीमावर्ती जिलों में सर्विलांस बढ़ा दिया है। जीका वायरस वायरस के संक्रमण को रोकने का तरीका सिर्फ बचाव और सही जानकारी रखना है। आइए जानते हैं कि भारत में फैल रहे zika virus क्या है (Zika Virus Cases in India) इसके कारण, लक्षण और बचाव क्या हैं?
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Zika virus क्या है इसका इतिहास
विश्व और भारत में जीका वायरस का इतिहास (History of Zika Virus in India and World)
डब्ल्यूएचओ (WHO) के मुताबिक, जीका वायरस का सबसे पहला मामला 1947 में युगांडा के बंदरों के अंदर देखा गया और युगांडा में ही 1952 में इंसानों के अंदर पहला मामला सामनेे आया। इसके बाद 1960 से लेकर 1980 तक यह दुनिया के दूसरे देशों में भी पहुंच गया।जीका वायरस का पहला प्रकोप 2007 में Island of Yap में दर्ज किया गया।
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ऐसा कहा जाता है कि एशिया के अंदर जीका वायरस 1970 के दशक में प्रवेश कर चुका था। जिससे कारण पाकिस्तान और इंडोनेशिया में इसके कुछ मामले दर्ज किए गए। लेकिन भारत में जीका वायरस का पहला आधिकारिक मामला 2017 में गुजरात में देखा गया, जिसके बाद यह तमिलनाडु भी पहुंचा। वहीं, 2018 में मध्यप्रदेश और राजस्थान में भी इसका बड़ा प्रकोप देखा गया और अब फिर से भारत में इसका प्रकोप बढ़ता जा रहा है।
Zika virus क्या है
ये जीका वायरस एक मच्छर जनित संक्रमण है। यह संक्रमण एडीज प्रजाति के मच्छरों द्वारा फैलता है। एडीज प्रजाति में भी मुख्य रूप से Aedes albopictus और Aedes aegypti मच्छर जीका वायरस के फैलाव के लिए जिम्मेदार होते हैं। यह वायरस फ्लेविविरिडे परिवार के फ्लेवीवायरस जीन्स (Flavivirus genus of Flaviviridae Family) से ताल्लुक रखता है। इसी परिवार से डेंगू वायरस, चिकनगुनिया, येलो फीवर, वेस्ट नाइल वायरस आदि संक्रमण भी संबंध रखते हैं। जब कोई संक्रमण रहित एडीज मच्छर जीका वायरस से संक्रमित किसी व्यक्ति को काटता है, तो वह भी संक्रमित हो जाता है। इसके बाद वह जिस भी स्वस्थ व्यक्ति को काटेगा, उसे भी संक्रमित बना देगा। आमतौर पर, यह मच्छर दिन के समय ही काटता है।
जीका वायरस का लक्षण
- इसके लक्षण डेंगू से काफी मिलते-जुलते हैं। आमतौर पर वायरस का इनक्यूबेशन पीरियड 3 दिन से लेकर दो हफ्ते तक का होता है जिसके बाद लक्षण दिखते हैं।
- लक्षण सामान्यत: 2 से 7 दिन तक रहते हैं।
- जीका वायरस से संक्रमित लोगों बुखार, बदन दर्द, जोड़ों में दर्द, आंख आना और सिरदर्द की समस्या हो सकती है।
- कुछ केसेज में कंजक्टिवाइटिस भी हो सकता है।
- वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन (WHO) की एक रिपोर्ट के अनुसार, अधिकतर लोगो में लक्षण नहीं दिखते।
वायरस से बचने का उपाय
वायरस से होने वाली बीमारी का कोई इलाज नहीं है, ना ही अब तक कोई वैक्सीन बन सकी है। डॉक्टर्स सपोर्टिव केयर (लक्षण के हिसाब से इलाज) करते हैं। अमेरिका का सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल (CDC) जीका वायरस से संक्रमित होने की स्थिति में ये सुझाव इस प्रकार है।
- पर्याप्त आराम कीजिए
- तरल पदार्थ खूब लें ताकि डिहाइड्रेशन से बचाव हो
- बुखार और दर्द हो तो एसिटोमिनोफेन जैसी दवा ले सकते हैं।
- ब्लीडिंग का खतरा कम करने के लिए एस्पिरिन और अन्य नॉन-स्टेरायडल ऐंटी-इनफ्लेमेटरी दवाओं से दूर रहे जबतक डेंगू रूलआउट न हो जाए
- अगर किसी और बीमारी के लिए दवाएं ले रहे हैं तो कोई भी दवा लेने से पहले डॉक्टर से सुझाव जरूर ले।
प्रेग्नेंट महिलाओं के लिए खतरनाक
जीका वायरस प्रेग्नेंट महिला से उसके भ्रूण में आसानी से पहुंच जाता है, यह सेक्सुअल कॉन्टैक्ट, ब्लड ट्रांसफ्यूश्न और ब्लड प्रोडक्ट्स या अंग प्रत्यारोपण के जरिए से भी फैल सकता है, वैज्ञानिक अभी भी प्रेग्नेंसी के रिजल्ट और बच्चों एवं अडल्ट्स में जीका वायरस के प्रभावों की पूरी सीरीज पर रिसर्च कर रहे हैं, जीका वायरस सेक्सुअल इंटरकोस के जरिए से भी फैल सकता है। डब्ल्यूएचओ ने कहा है, ”जीका वायरस और प्रेग्नेंसी के परिणामों के बीच संबंध की वजह से यह चिंता का विषय है।”
जीका वायरस से बचाव कैसे करें
इस जीका वायरस संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए बचाव ही एकमात्र तरीका है।जिसके लिए यह सब सावधानियां लेनी जरूरी है जैसे-
- खासतौर से, दिन और शाम के समय पूरी बाजू और पैरों को ढकते हुए कपड़े पहनें।
- घरों में मच्छर रिपेलेंट का इस्तेमाल करें।
- अपने घर और घर के आसपास साफ-सफाई का ध्यान रखें।
- गर्भवती महिलाएं और बच्चों का विशेष रूप से ध्यान रखें
- किसी भी खाली बर्तन या जगह पर बारिश का पानी इकट्ठा ना होने दें।
- अपने कूलर, पानी की टंकी, पौधों आदि को समय-समय पर साफ करें।
- जीका वायरस से प्रभावित किसी जगह पर जा रहे हैं, तो अपने स्वास्थ्य का विशेष रूप से ध्यान रखें।