भारतीय वायुसेना ने 10 एंटी-ड्रोन सिस्टम की खरीद शुरू की, जम्मू कश्मीर जैसे हमलों से निपटने की कड़ी तैयारी

नई दिल्ली: बीते दिनों एयरबेस पर हुए ड्रोन हमले के बाद वायुसेना सतर्क हो गई है। भविष्य में जम्मू में एयरबेस पर हुए ड्रोन हमलों जैसे धमाकों से निपटने की तैयारी की जा रही है। इसके लिए भारतीय वायुसेना ने 10 एंटी-ड्रोन सिस्टम की खरीद शुरू कर दी है। वायुसेना ने इसकी खरीद के लिए बोलियां आमंत्रित कीं हैं। इसके बाद दुश्मनों को ड्रोन के जरिए से हमला करना और मुश्किल हो जाएगा।

भारतीय वायुसेना ने 10 एंटी-ड्रोन सिस्टम की खरीद शुरू की

भारतीय वायुसेना ने 10 एंटी-ड्रोन सिस्टम की खरीद शुरू की

एक रिपोर्ट के अनुसार, इस मेड इंडिया ड्रोन-रोधी सिस्टम का मुख्य हथियार लेजर आधारित होगा। भारतीय वायुसेना इन एंटी-ड्रोन सिस्टमों को अलग-अलग एयरबेसों पर तैनात करने की योजना है। इसके बाद दुश्मनों को ड्रोन के जरिए से हमला करना और मुश्किल हो जाएगा।

आरएफआई के मुताबिक

27 जून को हमले के बाद वायुसेना ने एंटी ड्रोन सिस्टम खरीदने के लिए भारतीय कंपनियों को रिक्वेस्ट फॉर इनफॉर्मेशन (आरएफआई) भी जारी कर दिया है। वायुसेना ने आरएफआई को बताया है कि यह काउंटर अनआर्म्ड एयरक्राफ्ट सिस्टम (सीयूएएस) ड्रोन का पता लगाने, उसको ट्रैक करने, पहचान करने और नष्ट करने में सक्षम होना चाहिए। आरएफआई के मुताबिक, सिस्टम में ग्लोबल नेविगेशन सैटलाइट जैमर सिस्टम और रेडियो फ्रीक्वेंसी जैमर भी होना चाहिए।

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इजरायल के ड्रोन सिस्टम से मेल खाते हैं, जो कि साढ़े 3 किलोमीटर की दूरी से ही छोटे से छोटे टारगेट का पता लगाकर उन्हें लेजर तकनीक से गिरा देते हैं।
इसके अलावा, आसपास के पर्यावरण को कम-से-कम नुकसान पहुंचाते हुए मानव रहित विमानों के लिए प्रभावी नो फ्लाई जोन को पूरी तरह से बनाए रखने के लिए इसमें मल्टी सेंसर, मल्टी किल सॉल्यूशन होना चाहिए। इसे ऑपरेटर को बिल्कुल सही स्थिति बतानी चाहिए और कई मापदंडों के आधार पर अलर्ट भेजना चाहिए।

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