दिलीप कुमार और राज कपूर को लेकर पाकिस्तान ने किया बड़ा ऐलान

पाकिस्तान में मौजूद दिलीप कुमार और राज कपूर की पुश्तैनी इमारतों पर नहीं चलेगा हथोड़ा। सरकार ने किया खरीदने का ऐलान। पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा प्रांतीय सरकार ने ऐतिहासिक इमारतों को बचाने के लिए, फेमस बॉलीवुड एक्टर दिलीप कुमार और फिल्ममेकर राज कपूर के पैतृक घरों को खरीदने का फैसला किया है।

दोनों कलाकारों का घर जर्जर हालत में है, दोनों इमारतें पाकिस्तान के पेशावर शहर में स्थित है। जहां बंटवारे से पहले भारतीय सिनेमा के दो महानायक पैदा हुए, और बचपन में पले बढ़े। राज कपूर के पैतृक घर को कपूर हवेली के नाम से जाना जाता है। यह हवेली क़िस्सा खवानी बाजार में स्थित है। इसे राज कपूर के दादा दीवान बशेश्वर नाथ कपूर ने 1918 से 1922 के बीच बनवाया था।

कपूर हवेली मैरिज पार्टी के लिए बुक होते थे

शादी की पार्टी के लिए कपूर हवेली लोगों की पहली पसंद होती थी। नियाज शाह बताते हैं, कि हवेली में बुकिंग नहीं मिलने से बेटी की शादी 6 महीने आगे बढ़ानी पड़ी थी। 2005 के बाद भूकंप से हवेली को बहुत नुकसान हुआ, और हवेली थोड़ा जर्जर हो गई।

अभिनेता दिलीप कुमार का करीब 100 वर्ष पुराना पैतृक घर भी इसी इलाके में मौजूद है। यह इमारत काफी जर्जर स्थिति में है। लेकिन पाकिस्तान सरकार इन हवेलियों की तरह अपना ध्यान केंद्रित किया है, और इन हवेलियों को सुरक्षित करने का फैसला लिया है। सरकार इन हवेलियों को खरीदेगी और फिर इनकी मरम्मत भी करवाएगी।

यह वो हवेलियां हैं। जिन्हें करीब 75 साल पहले बेचा जा चुका है। सरकार का इन हवेलियों में कोई दखल नहीं था। पुरातत्व और संग्रहालय विभाग के निर्देशक डॉ अब्दुल समद ने इसके लिए पेशावर के कमिश्नर को चिट्ठी लिखी। पेशावर के कमिश्नर ने खैबर पख्तूनख्वा के गवर्नर शाह फरमान को चिट्ठी लिखी। शाह फरमान ने तुरंत देश के प्रधानमंत्री को इस बारे में अवगत कराया।

इमरान खान ने इन दोनों धरोहर को संग्रहालय बनाने का फैसला किया।

वही इमरान खान ने कहा। राज कपूर और दिलीप कुमार के पुश्तैनी हवेली को संग्रहालय में तब्दील करने के लिए जो भी रुकावट आ रही है। उसको दूर करने की बात की गई है। पेशावर के कमिश्नर ने भी तुरंत ऐलान कर दिया के, इस सिलसिले में कार्रवाई की जाए। 17 दिन में ही इस मामले की पूरी कार्रवाई कर ली गई। नवाज शरीफ ने इन हवेलियों को पाकिस्तान की धरोहर घोषित कर दिया था।

दिलीप कुमार का घर पेशावर के किस्सा ख्वानी बाजार के मोहल्ले खुदा दाद में है। उस वक्त यह रियासी इलाका था। लेकिन अब यह पाकिस्तान का बिजनेस सेंटर बन चुका है। दिलीप कुमार इसी हवेली में 11 दिसंबर 1922 को पैदा हुए, और तब उनका नाम मोहम्मद यूसुफ खान था। लेकिन साल 1930 मे ही दिलीप कुमार का परिवार मुंबई चला गया। साल 1947 में पाकिस्तान और भारत के बीच जो लकीर खींची गई और दोनों मुल्क बट गए।

इसी तरह कपूर हवेली भी है। कपूर खानदान के महानायक इसी हवेली में पैदा हुए। इस हवेली को साल 1918 से 1922 के बीच बनवाया गया था। राज कपूर भी यहीं पैदा हुए। लेकिन जब भारत और पाकिस्तान  का बंटवारा हुआ, तो कपूर खानदान अपने पेशावर की हवेली बेचकर मुंबई शिफ्ट हो गए। जिस तरह पाकिस्तान सरकार इस धरोहर को सहेजने की बात कर रहे हैं। इसके लिए पाकिस्तान की तारीफ बनती है।

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