गुवाहाटी: असम के तेजपुर में भूकंप के तेज झटके (Earthquake tremors in Assam) महसूस किए गए। बुधवार सुबह 7 बजकर 51 मिनट पर आए इस झटके की तीव्रता रिक्टर स्केल पर 6.4 मापी गई। यह झटका इतना तेज था कि पड़ोस के अरुणाचल प्रदेश से लेकर पश्चिम बंगाल के उत्तरी हिस्से और बिहार तक महसूस किया गया। वहीं कुछ जगहों पर दीवार और छज्जे भी गिर गए। सोशल मीडिया पर लोगों ने अपना अनुभव साझा करते हुए बताया कि झटका 30 सेकेंड तक आया। जान-माल के किसी तरह के नुकसान की जानकारी नहीं मिली है।
भूकंप को लेकर असम के सीएम सर्बानंद सोनोवाल ने कहा, ‘असम में बड़ा भूकंप आया है। मैं सभी लोगों की कुशलता की कामना करने के साथ ही अलर्ट रहने की अपील भी करता हूं। मैं सभी जिलों से अपडेट ले रहा हूं।’
बिहार के कई जिलों में भूकंप के झटके
अरुणाचल के ईंटानगर से लेकर बंगाल के कूचबिहार तक झटके महसूस किए गए। साथ ही बिहार के कई जिलों में भूकंप के झटके, सुबह करीब 7:55 पर महसूस किए गए झटके। मुंगेर, कटिहार, किशनगंज, भागलपुर, पूर्णिया, खगड़िया समेत कई इलाकों में लोगों ने महसूस किए भूकंप के झटके।
Earthquake tremors in Assam भूकंप क्यों आता है
धरती मुख्य तौर पर चार परतों से बनी हुई है। इनर कोर, आउटर कोर, मैनटल और क्रस्ट। क्रस्ट और ऊपरी मैन्टल कोर को लिथोस्फेयर कहते हैं। ये 50 किलोमीटर की मोटी परत कई वर्गों में बंटी हुई है जिसे टैकटोनिक प्लेट्स कहा जाता है। ये टैकटोनिक प्लेट्स अपनी जगह पर हिलती रहती हैं। जब ये प्लेट बहुत ज्यादा हिल जाती हैं, तो भूकंप महसूस होता है। ये प्लेट क्षैतिज और ऊर्ध्वाधर दोनों ही तरह से अपनी जगह से हिल सकती हैं। इसके बाद वह स्थिर रहते हुए अपनी जगह तलाशती हैं इस दौरान एक प्लेट दूसरी प्लेट के नीचे आ जाता है।
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भूकंप की तीव्रता का अंदाजा केंद्र (एपीसेंटर) से निकलने वाली ऊर्जा की तरंगों से लगाया जाता है। इन तरंगों से सैंकड़ो किलोमीटर तक कंपन होता है और धरती में दरारें तक पड़ जाती है। अगर भूकंप की गहराई उथली हो तो इससे बाहर निकलने वाली ऊर्जा सतह के काफी करीब होती है जिससे भयानक तबाही होती है। लेकिन जो भूकंप धरती की गहराई में आते हैं उनसे सतह पर ज्यादा नुकसान नहीं होता। समुद्र में भूकंप आने पर उंची और तेज लहरें उठती है जिसे सुनामी भी कहते हैं।