लंदन: ब्रिटेन की महारानी एलिजाबेथ द्वितीय के पति प्रिंस फिलिप का अंतिम संस्कार (Prince Philip Funeral) शनिवार को कर दिया गया। उन्हें विंडसर कासल के सेंट जॉर्ज चैपल में दफना दिया गया। विंडसर कासल महारानी का आधिकारिक निवास भी है। कोरोना की वजह से उनके अंतिम संस्कार में 30 लोग ही शामिल हो सके। इनमें सभी उनके परिवार के सदस्य थे। ड्यूक ऑफ एडिनबर्ग की शवयात्रा के दौरान उनके सभी बच्चे शवगाड़ी के पीछे-पीछे चले थे। प्रधानमंत्री बोरिस जॉन्सन भी इसमें शामिल नहीं हुए।
महारानी एलिजाबेथ द्वितीय दिवंगत पति प्रिंस फिलिप की मौत के बाद पहली बार सार्वजनिक तौर पर दुनिया के सामने आई हैं। वह अपने परिवार के साथ अंत्येष्टि कार्यक्रम में शामिल हुईं। इस मौके पर शाही परिवार के लोगों ने फिलिप को अंतिम विदाई दी है। अंतिम संस्कार की ये प्रक्रिया विंडसर के डीन और केंटरबरी के आर्कबिशप की अगुवाई में पूरी की गई है। इससे पहले एक बयान में बकिंघम पैलेस (Buckingham Palace) ने कहा था कि महारानी को अंतिम संस्कार में शामिल होने वालों की सूची तैयार करने में मुश्किल फैसला लेना पड़ा है।
Prince Philip Funeral लोगों ने टेलीवजिन पर देखा समारोह
ब्रिटिश प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने भी हजारों अन्य लोगों की तरह टीवी पर यह कार्यक्रम देखा। इस बीच एपी की खबर के मुताबिक फिलिप के ताबूत को विंडसर कैसल में शाही परिवार के निजी चैपल से कैसल के ‘इनर हॉल’ ले जाया गया है। शाही अधिकारियों ने बताया कि ताबूत पर फिलिप की रॉयल नौसेना की टोपी और तलवार पुष्प चक्र के साथ रखी थी।
सेना की ग्रेनेडियर्स गार्ड रेजिमेंट के जवानों का दस्ता उनके ताबूत को हॉल में लेकर आया। ताबूत को विशेष रूप से डिजाइल की गई लैड रोवर से सेंट जॉर्ज चैपल लेकर जाया जाएगा जहां फिलिप के शव को दफनाया जाएगा। शाही परिवार ने कवि सिमोन आर्मिटेज की एक कविता पर संयोजित फिलिप की तस्वीरों का एक संग्रथन (मोंटाज) भी जारी किया।
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प्रिंस फिलिप की शादी 73 साल पहले हुई थी
महारानी एलिजाबेथ द्वितीय और प्रिंस फिलिप की शादी 73 साल पहले हुई थी। आज के दिन महारानी ने वो तस्वीर जारी की, जिसमें वह पति फिलिप साथ घास पर बैठी हुई दिख रही हैं। उन्होंने फिलिप को अपनी ताकत और ठहराव बताया है। प्रिंस फिलिप के अंतिम संस्कार में एक अलग बात ये भी है कि यहां उनके बारे में शाही परिवार से किसी ने कुछ नहीं कहा। इसके साथ ही जो भी लोग समारोह में शामिल हुए, सभी के लिए मास्क पहनना और सामाजिक दूरी का पालन करना जरूरी था।