हिंदू धर्म के लिए क्यों विशेष है गंगा दशहरा, गंगा दशहरा पर इन बातों का रखें विशेष ध्यान, इस दिन गंगा स्नान करने पर इन 10 पापों से मिलेगी मुक्ति

Ganga Dussehra 2024: हिंदू धर्म में अधिकतर पर्व को बड़ी श्रृद्धा और उल्लास के साथ मनाया जाता हैं। इन्हीं में से एक मुख्य पर्व है गंगा दशहरा जी हां गंगा दशहरा मां गंगा को समर्पित किया गया है। इस दिन गंगा जी की विधि-विधान से पूजा की जाती है। सनातन धर्म में गंगा दशहरा का धार्मिक और आध्यात्मिक दोनों महत्व है। इस तिथि के दिन लोग देवी गंगा की पूजा करते हैं और गंगा नदी में डुबकी भी लगाते हैं।ऐसा माना जाता है कि जो लोग गंगा जी में डुबकी लगाता हैं,  उनके सारे पाप नष्ट हो जाते हैं और मन शुद्ध होता है और उससे हर प्रकार की नकारात्मकता से मुक्ति भी मिलती है। आइए जानते हैं गंगा दशहरा कब है ? क्या है इसका महत्व और इस दिन क्या करना अत्यंत लाभकारी होता है?आर्टिकल को नीचे पूरा पढ़ें।

कब मनाया जाएगा गंगा दशहरा (Ganga Dussehra 2024 Date in Hindi)

हर साल ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को गंगा दशहरा मनाया जाता है। इस साल 16 जून 2024 को देशभर में गंगा दशहरा मनाया जाएगा। गंगा स्नान के लिए ब्रह्म मुहूर्त सबसे अच्छा माना जाता है।इसके अलावा इस दिन सुबह 07:08 बजे से सुबह 10:37 बजे तक शुभ मुहूर्त है।

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क्यों मनाया जाता है गंगा दशहरा ( Kyun Manaya Jata hai Ganga Dussehra)

पुराण के अनुसार, रघुकुल में सगर नाम के एक पराक्रमी राजा थे। एक बार उन्होंने अश्वमेध यज्ञ का आयोजन किया। राजा सगर ने अपने 60 हजार पुत्रों को इस यज्ञ के घोड़े का रक्षक बनाया, लेकिन देवराज इंद्र ने इस यज्ञ के घोड़े को चुराकर कपिल मुनि के आश्रम में छिपा दिया।
जब राजा सगर के पुत्रों ने कपिल मुनि के आश्रम में यज्ञ के घोड़े को देखा तो उन्हें लगा कि मुनि ने ही इस घोड़े को चुराया है। इसलिए वे कपिल मुनि को अपशब्द कहने लगे। उस समय कपिल मुनि तपस्या कर रहे थे। सगर के पुत्रों की बातें सुनकर कपिल मुनि की तपस्या भंग हो गई जैसे ही कपिल मुनि ने आंखें खोली, उनकी क्रोधाग्नि से राजा सगर के सभी 60 हजार पुत्र जलकर भस्म हो गए। जब ये बात राजा सगर को पता चली तो वे कपिल मुनि के पास आए और अपने पुत्रों के मोक्ष का उपाय पूछा। कपिल मुनि ने बताया कि देवनदी गंगा के स्पर्श से उन्हें मोक्ष मिलेगा।

कईं पीढ़ियों के बाद राजा सगर के कुल में भगीरथ पैदा हुए। घोर तपस्या कर वे गंगा को धरती पर लाए। गंगा का स्पर्श होते ही 60 हजार सगर पुत्रों को मोक्ष मिल गया। ज्येष्ठ शुक्ल दशमी तिथि पर ही गंगा नदी धरती पर आई थी। इसलिए हर साल इस तिथि पर गंगा दशहरा मनाया जाता है।

गंगा दशहरा मानने का महत्व

मान्यताओं के अनुसार, गंगा नदी राजा भगीरथ के कठोर तपस्या करने से पृथ्वी पर अवतरित हुई थीं और आज भी पवित्र नदी के रूप में इस धरती पर पूजी जाती हैं। शास्त्रों में इस बात का वर्णन मिलता है कि गंगा स्नान करने से व्यक्ति के समस्त पाप, दोष और विपत्तियां नष्ट हो जाती हैं। वहीं गंगा दशहरा के दिन गंगा में स्नान करने से व्यक्ति को 10 मुख्य पापों से भी मुक्ति मिलती है।

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गंगा दशहरा पर इन बातों का रखें विशेष ध्यान

  • यदि आप गंगा जी में स्नान करने जा रहे हैं तो सबसे पहले देवी गंगा का ध्यान करें, फिर डुबकी लगाएं।
  • ध्यान रहे कि गंगा स्नान के समय पवित्रता बनाएं रखें।
  • इस दिन किसी भी प्रकार की अशुद्ध चीजें गंगा जी में ना डालें।
  • हवन-पूजा की सामग्री गंगा जी में ना डालें।
  • गंगा दशहरा के दिन गंगा जी में अस्थियां नहीं बहानी चाहिए।

गंगा दशहरा पर गंगा स्नान करने से इन 10 पापों से मिलती है मुक्ति

मान्यताओं के अनुसार जो व्यक्ति गंगा दशहरा के दिन गंगा जी में डुबकी लगाता है, उसके 10 तरह के पाप नष्ट हो जाते हैं जैसे निषिद्ध हिंसा, दूसरे के धन को लेने का विचार करना, बिना दी हुई वस्तु को ले लेना, व्यर्थ की बातों में दुराग्रह, कठोर वाणी, परस्त्री गमन, झूठ बोलना, चुगली करना, दूसरों के लिए अहित बोलना, मन से दूसरों के प्रति बुरा सोचना।

Disclaimer : इस आर्टिकल में जो भी जानकारी दी गई है, वो ज्योतिषियों, पंचांग, धर्म ग्रंथों और मान्यताओं पर आधारित हैं। इन जानकारियों को आप तक पहुंचाने का हम सिर्फ एक माध्यम हैं। यूजर्स से निवेदन है कि वो इन जानकारियों को सिर्फ सूचना ही मानें।

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