पटना: बिहार विधानसभा अध्यक्ष पद के चुनाव में एनडीए की ओर से बीजेपी विधायक विजय कुमार सिन्हा स्पीकर चुने गए। स्पीकर के चुनाव के लिए महागठबंधन की ओर से आरजेडी विधायक अवध बिहारी को उतारा गया। वह भले ही हार गए लेकिन तेजस्वी यादव विपक्ष को एकजुट करने में सफल रहे हैं। असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी विधायकों से लेकर बसपा में एकलौती विधायक ने गठबंधन के प्रत्याशी के पक्ष में वोट डाला।
राज्य में पहली बार स्पीकर की कुर्सी बीजेपी के हाथ लगी। आपको बता दें कि राज्य में 1969 के बाद अब 51 साल के बाद स्पीकर पद का चुनाव हुआ है। चुनाव के पहले जमकर उठापटक चला। बिहार के नए स्पीकर विजय कुमार सिन्हा लखीसराय से लगातार तीसरी बार भाजपा विधायक मंत्री भी रह चुके हैं।
चुनाव के दौरान जमकर हुआ हंगामा
विधानसभा अध्यक्ष की वोटिंग से पहले जमकर हुआ हंगामा। विपक्षी विधायक वेल में आ गए और सीएम नीतीश कुमार की मौजूदगी का विरोध करने लगे। 2 घंटे तक हंगामा चला जीतन राम मांझी को प्रोटेम स्पीकर बनाया गया था। वो वॉइस वोट से चुनाव कराना चाहते थे, लेकिन विपक्ष नहीं माना। विपक्ष लगातार इस बात पर जिद करता रहा कि जब सीएम नीतीश कुमार और उनके दो मंत्री अशोक चौधरी और मुकेश सैनी विधानसभा के सदस्य नहीं है तो उन्हें मतदान प्रक्रिया के वक्त सदन से बाहर किया जाए। विपक्ष ने सीक्रेट वैलेट से वोटिंग की मांग की। विपक्ष बेल में बैठ नारेबाजी करने लगे, जब विपक्ष नहीं माने तो प्रोटेम स्पीकर ने नीतीश कुमार और उनके दो मंत्री को बाहर जाने को कहा।
तेजस्वी ने चोरी का लगाया आरोप
उन्होंने वीडियो रिकॉर्डिंग कर एक बयान जारी किया जिसमें तेजस्वी ने कहा कि देश दुनिया के सामने संविधान की हत्या हो रही है। विधानसभा के जनादेश की चोरी और स्पीकर के चुनाव में भी खुलेआम चोरी हो रही है। उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार विधानसभा नहीं विधान परिषद के सदस्य हैं उनमें से दो और मंत्री तो विधान परिषद के भी सदस्य नहीं है। जबकि उनके कई नेता गैर हाजिर है। और कई नेताओं को फर्जी विधायक बना कर बैठाया गया है।
बता देगी स्पीकर चुनाव में भले ही अवध बिहारी चौधरी चुनाव हार गए हो, लेकिन तेजस्वी ने उन्हें उतार कर नीतीश कुमार सरकार को एक कड़ा संदेश दे दिया है, कि विपक्ष उनके नेतृत्व में एकजुट है। इससे यह साफ है कि विपक्ष सदन में नीतीश सरकार को घेरने में हार नहीं मानेगा।