Bihar Teacher Latest News: बिहार में चार लाख नियोजित शिक्षक बहुत जल्द राज्यकर्मी बन जाएंगे। सरकार से मंजूरी लेने की तैयारी में शिक्षा विभाग हैं। सक्षमता परीक्षा (Competency Test) पास होने पर राज्यकर्मी का दर्जा नियोजित शिक्षकों को मिल जाएगा। बिहार विद्यालय परीक्षा समिति इन शिक्षकों की सक्षमता परीक्षा लेगी। इसमें पास होने के लिए अधिकतम तीन मौके दिए जाएंगे। प्रारूप में साफ किया गया था कि कॉम्पिटेंसी टेस्ट पास नहीं करने वालों की सेवा समाप्त कर दी जाएगी। सक्षमता परीक्षा में पास होने के लिए अधिकतम तीन मौके दिए जाएंगे। नियोजित शिक्षकों को लेकर नियमावली को अंतिम रूप दिया जा रहा है। बीपीएससी से नियुक्त शिक्षकों के बराबर इनको भी सैलरी मिलेगी।
बिहार में चार लाख नियोजित शिक्षकों के लिए अच्छी खबर
बिहार में करीब चार लाख नियोजित शिक्षकों के लिए अच्छी खबर है। इनको राज्यकर्मी का दर्जा जल्द मिलने की उम्मीद है। इसके लिए नियमावली को शिक्षा विभाग ने अंतिम रूप दे दिया है। अब राज्य सरकार से मंजूरी लेने की तैयारी है। जल्द ही इस पर मुहर लगने की उम्मीद हैं। सरकार की मंजूरी के बाद नियोजित शिक्षकों की सक्षमता परीक्षा लेकर उत्तीर्ण होने वालों को राज्यकर्मी का दर्जा दे दिया जाएगा। इसके बाद उन्हें बिहार लोक सेवा आयोग से बहाल शिक्षकों के बराबर वेतनमान और अन्य सुविधाएं मिलने लगेंगी।
बिहार विद्यालय विशिष्ट शिक्षक नियमावली 2023 का प्रारूप 11 अक्टूबर 2023 को जारी किया गया था। इस पर सुझाव और आपत्ति की मांग की गई थी। एक लाख से अधिक के सुझाव विभाग को ई-मेल के जरिए प्राप्त हुए। इन सुझावों पर विचार करने के बाद नियमावली को अंतिम रूप दिया गया है। बड़ी संख्या में सुझाव आए हैं कि विशिष्ट शब्द को हटा दिया जाए। जानकारी के अनुसार विशिष्ट शब्द को हटाने पर सकारात्मक रूप से विचार किया जा रहा है।
नियोजित शिक्षक कॉम्पिटेंसी टेस्ट के फायदे और नुकसान
शिक्षा विभाग ने ये भी साफ किया है कि सक्षमता परीक्षा पास करने वाले शिक्षकों का जिला संवर्ग होगा। वर्तमान में ये सभी नियोजित शिक्षक त्रि-स्तरीय ग्राम पंचायत और नगर निकाय के अधीन आते हैं। वहीं, ये भी प्रावधान किया गया है कि बिहार लोक सेवा आयोग से सफल हुए नियोजित शिक्षक अगर अपने पुराने पर ही बना रहना चाहते हैं तो उन्हें सक्षमता परीक्षा देने की जरूरत नहीं होगी।
नियोजित शिक्षक जब राज्यकर्मी हो जाएंगे तो उनके जिला संवर्ग का पद स्थानांतरणीय हो जाएगा। इन शिक्षकों को सामान्य रूप से जिला शिक्षा पदाधिकारी की ओर से शिक्षा का अधिकार अधिनियम, छात्र-शिक्षक अनुपात अथवा जनहित में प्रतिबद्धताओं को ध्यान में रखते हुए जिला के अंदर स्थानांतरित किया जा सकेगा। वहीं, शिक्षकों के अनुरोध पर निदेशक प्राथमिक या निर्देशक माध्यमिक की ओर से जिले के बाहर भी स्थानांतरण किया जा सकेगा। एक शिक्षक सेवाकाल में केवल दो बार इस तरह के विकल्प का प्रयोग कर सकेंगे।
बिहार में नियोजित शिक्षकों के स्थानांतरण को लेकर साल 2020 में भी नियमावली बनी थी। स्थानांतरण के लिए सॉफ्टवेयर भी बने थे, मगर वो अंजाम तक नहीं पहुंच सका। अब 2023 की नियमावली पर ही स्थानांतरण की सुविधा इन शिक्षकों को मिलेगी।
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