Labh Pancham Muhurat 2023 : लाभ पंचमी शुभ मुहूर्त आज , सुख सौभाग्य समृद्धि और शुभ कार्य के लिए आज जरूर करें ये काम

Labh Pancham Muhurat 2023: दीपावली के त्योहार की शुरुआत धनतेरस से होती है और रोशनी के इस त्योहार का अंतिम दिन लाभ पंचमी के रूप में मनाया जाता है। इसे लाभ पंचमी, सौभाग्य पंचमी और ज्ञान पंचमी के नाम से भी जाना जाता है जोकि इस बार शनिवार, 18 नवंबर 2023 को है। लाभ पंचमी का दिन किसी भी नए कार्य की शुरुआत के लिए शुभ होता है। ये तिथि जीवन में सुख और समृद्धि को बढ़ाती है।

लाभ पंचमी क्यों मनाया जाता है 

लाभ पंचमी के दिन भगवान शिव, गणेश और लक्ष्मी जी की पूजा-अर्चना करने से परिवार में सुख-शांति आती है, बिजनेस, जॉब और व्यापार में समृद्धि और प्रगति होती है। सुख-समृद्धि और मंगलकामना के लिए सौभाग्य पंचमी का व्रत रखें। बिजनेस में विस्तार हो, नए काम का आरंभ करना हो या बाजार में खरीदारी इस दिन 24 घंटे अबूझ मुहूर्त होता है। मांगलिक कामों के लिए तो ये दिन बहुत ही खास है वैसे तो लाभ पंचमी का पूरा दिन ही शुभ और सौभाग्य से भरा होता है लेकिन कई दुकानदार और व्यवसायी इस दिन भी शुभ मुहूर्त में अपना प्रतिष्ठान खोलना पसंद करते है इसीलिए जान लीजिए इस दिन का सुभ मुहूर्त

इसे भी पढ़ें: Meen Rashi November 2023 in hindi | जानिए मीन राशि वालो के लिए नवंबर माह 2023 का पूरा राशिफल

लाभ पंचमी 2023 का का शुभ मुहूर्त – Labh Pancham Muhurat 2023

  • अभिजीत मुर्हूत: दोपहर 12 बजकर 15 मिनट से 1 बजकर 30 मिनट तक
  • लाभ और अमृत मुहूर्त: दोपहर 2 बजकर 30 मिनट से 4 बजकर 15 मिनट तक 

लाभ पंचमी के दिन क्या करना चाहिए 

  • इस दिन सर्वप्रथम आप स्नानादि से निवृत होकर तांबे के लौटे में शुद्ध जल, कुमकुम, अक्षत और गेंहू के थोड़े दाने मिश्रित कर ‘ऊँ घृणि सूर्याय नमः’ मंत्र का उच्चारण करते हुए सूर्यदेव को जल चढ़ाएं।
  • घर, ऑफिस, दुकान या फैक्ट्री में भगवान गणेश, मां सरस्वती और लक्ष्मी जी की पूजा कर श्रीसुक्त का पाठ करें।
  • बिजनेस, जॉब एंड प्रॉफेशन में समृद्धि और प्रगति के लिए घर या ऑफिस में बही खाते का पूजन करें, कुमकुम से बायीं तरफ शुभ और दाहिनी ओर लाभ लिखें।
  • इसके बाद सुपारी पर मौली लपेटकर चावल के अष्टदल पर श्रीगणेश के रूप में विराजित करें। फिर चंदन, सिंदूर, अक्षत, पुष्प, दूर्वा से श्री गणेश की पूजा करें।
  • घर-परिवार में सौभाग्य, सुख-शांति, समृद्धि के लिए भगवान शिव को बिल्वपत्र, धतूरा, रक्तचंदन, श्वेत चंदन, केसर, कुंकुंम, मोली, सुपारी, पान का पत्ता, लौंग, इलायची और सफेद वस्त्र अर्पित करें। शिवजी को खीर का भोग लगाएं।
  • इसके बाद त्रिनेत्राय नमस्तुभ्यं उमादेहार्धधारिणे। त्रिशूलधारिणे तुभ्यं भूतानां पतये नमः मंत्र का 11 से 21 मिनट जाप करें। मंत्र जाप समाप्ति के बाद घर के मुख्य दरवाजे के दोनों ओर स्वास्तिक बनाएं।
  • पूजा के बाद घर के बड़े लोगों का आशीर्वाद लें। जीवन में धनधान्य की कभी कमी न हो इसलिए इस दिन कुछ ना कुछ दान जरूर करें।
  • इस दिन ज्ञानवर्धक पुस्तकों की भी पूजा करें।

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Scroll to Top