व्हे प्रोटीन क्या है और यह कैसे बनता है , जानिए व्हे प्रोटीन के फायदे और नुकसान

Whey Protein Benefits : आजकल फिटनेस और बॉडी बिल्डिंग का क्रेज लोगों में काफी बढ़ चढ़ कर बोल रहा है। हर कोई बॉलिवुड स्टार्स की तरह मसल्स और एब्स बनाना चाहता है। कुछ लोगों में फिटनेस को लेकर ऐसा क्रेज होता है कि घंटों जिम में पसीना बहाते हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं सिर्फ जिम जाकर और वहां घंटों वर्कआउट करने से बॉडी नहीं बनती। आपको इसके लिए हेल्दी डाइट लेने की भी काफी आवश्यकता होती है। जिम करने वाले लोगों को अपने आहार में प्रोटीन युक्त चीजों को शामिल करना बेहद ही जरूरी होता है। आप प्राकृतिक खाद्य पदार्थों के सेवन से प्रोटीन की कमी को पूरा कर सकते हैं। इसके अलावा मार्केट में कई तरह के प्रोटीन सप्लीमेंट्स भी मौजूद हैं जो वजन को कंट्रोल रखने और मांसपेशियों को मजबूत बनाने में मदद करता है।

व्हे प्रोटीन शरीर के लिए बहुत ही फायदेमंद प्रोटीन है इसके सेवन करने से शरीर को कई फायदे मिलते हैं। बॉडी बिल्डर करने वालों और फिटनेस लवर्स की पहली पसंद Whey Protein powder ही होता है। आप इसे आसानी से डाइट में शामिल कर सकते हैं। ये पाउडर फॉर्म में होता है जिसे आप पानी, दूध या यॉगर्ट में मिलाकर खा सकते हैं। आइए जानते हैं क्या है व्हे प्रोटीन और इसे कैसे इस्तेमाल करें? इससे जुड़ी तमाम जानकारी आर्टिकल को नीचे पूरा पढ़ें।

व्हे प्रोटीन क्या है  – Whey protein kya hai in hindi

व्हे प्रोटीन क्या है और यह कैसे बनता है

व्हे प्रोटीन एक उच्चकोटी का प्रोटीन होता है जो प्राकृतिक दूध और दुग्ध उत्पादों में पाया जाता है। इसे प्राय: ‘संपूर्ण प्रोटीन’ माना जाता है क्योंकि इसमें सभी जरूरी एमीनो एसिड्स हैं जो की मनुष्य के शरीर के लिए आवश्यक है और यह पाचन में भी आसान है। व्हे प्रोटीन को ब्रांच्ड एमीनो एसिड्स (बीसीएए’ज़) जैसे ल्युसिन, जो मसल्स सिंथेसिस को उत्प्रेरित करता है, उसका सबसे उत्तम श्रोत माना जाता है।

बहुत सारे अध्ययनो ने दिखाया गया है कि व्हे प्रोटीन की थोड़ी मात्रा भी आपके शरीर के लिए फायदेमंद होती है। व्यायाम के तुरंत बाद केवल 10 ग्राम व्हे प्रोटीन का सेवन मसल्स पुनर्निर्माण को उत्प्रेरित कर सकता है।

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व्हे प्रोटीन लेने से क्या फायदा है

बहुत सारे अध्ययनो में पाया गया है कि व्हे प्रोटीन कैंसर रेट को कम करने, प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने, एचआईवी से लड़ने, कॉर्टीसॉल को कम करने, स्ट्रेस घटाने, लाईव फंकशन को विकसित करने, दिमाग में सिरॉटॉनिन के स्तर को बढ़ाने, रक्तचाप को कम करने और बहुत सारे औषधीय गुणों और खेल से संबंधित स्वाथ्य्य लाभ देने में सामर्थ्य है।

इसके अलावा इसमें उच्च बीसीएए तत्व पाया जाता है, व्हे प्रोटीन मानव शरीर में ग्लुटैथियोन (जीएसएच) स्तर बढ़ाने के लिए जाना जाता है। इम्यून सिस्टम को दुरूस्त करने के लिए जीएसएच के महत्व को अनदेखा नहीं किया जा सकता है, क्योंकि यह शरीर में पाया जाना वाले एक जरूरी पानी में घुलनशील एंटीऑक्सिडेंट हैं।

क्योंकि जीएसएच इम्युनिटी के लिए जरूरी, व्हे प्रोटीन आसानी से किसी के न्युट्रीशन प्रोग्राम में जगह बना सकता है। बॉडीबिल्डर्स और एथलीट्स के संदर्भ में यह बार-बार साबित हुआ है कि व्हे प्रोटीन प्रदर्शन और मसल मास पर सीधा प्रभाव डालता है। कुछ अध्ययन यह भी बताते हैं कि व्हे प्रोटीन से मिलने वाले जीएसएच का उच्च स्तर ट्रेनिंग को लंबे समय तक करने में मदद करता है।

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व्हे प्रोटीन को कितनी मात्रा में लेना चाहिए?

व्हे प्रोटीन के अलावा अगर आप दूसरे सोर्स से भी प्रोटीन की पूर्ति कर रहे हैं तो आपको रोज 1-2 चम्मच व्हे पाउडर का ही सेवन करना चाहिए। हां अगर आपकी डाइअट में प्रोटीन की कमी है या कोई दूसरा सोर्स नहीं है तो आप 2 या उससे ज्यादा चम्मच व्हे प्रोटीन ले सकते हैं। अगर आप व्हे प्रोटीन का सेवन कर रहे हैं तो एक बार अपने फिटनेस ट्रेनर या न्यूट्रिशनिष्ट से  सलाह जरूर लें। जरूरत से ज्यादा व्हे प्रोटीन का सेवन करने से शरीर को नुकसान भी हो सकता है।

कौन सा व्हे प्रोटीन लेना चाहिए?

यह Whey Protein Powder ग्लूटेन फ्री है, जो वेजिटेरियन के लिए भी सूटेबल है। इसे आप सुबह में खाली पेट, एक्सरसाइज से पहले, एक्सरसाइज के बाद किसी भी समय ले सकते हैं, जो आपकी बैलेंस डाइट को प्रोटीन बूस्ट सकता है। चॉकलेट फ्लेवर का यह व्हे प्रोटीन मसल मास को सपोर्ट करता है। इस व्हेे प्रोटीन में आपको 10 स्वादिष्ट फ्लेवर भी मिलेंगे।

भारत में मिलने वाले व्हे प्रोटीन्स पाउडर में 100% व्हे गोल्ड स्टेन्डर्ड व्हे स्टेन्डर्ड सबसे अच्छा प्रोटीन पाउडर माना जाता है। ये पॉपुलर ब्रांड ऑप्टिमम न्यूट्रिशन (ON) का है। इसकी एक स्कूप (30.4g) में 24 Gm प्रोटीन होता है यानि इसके एक स्कूप में प्रोटीन का प्रतिशत 78.94 है।

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व्हे प्रोटीन कैसे बनता है

व्हे प्रोटीन प्राकृतिक रूप से गाय के दूध में पाया जाता है इसलिए लगभग सभी व्हे प्रोटीन का श्रोत दुग्ध फॉर्म ही है। दिन में दो या तीन बार गायों को विशेष मिल्किंग पॉर्लर में लाया जाता है जहां उनसे दूध निकाला जाता है। फिर निकाले गएं दूध को दुग्ध फॉर्म से मैन्युफैक्चरिंग और प्रोसेस केंद्र में लाया जाता है जहां इसे बड़े टैंको में रखा जाता है जो 50,000 गैलन्स तक दूध जमा कर सकते है।

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प्रोसेस क्रेंद्र में एक बार जब दूध पहुंच जाता है तब इसे पूरी तरह से जांचा जाता है ताकि ये पीने के लिए सुरक्षित हो। गाय के दूध में दो सबसे महत्वपूर्ण प्रोटीन पाये जाते हैं, एक कैसीन प्रोटीन है जो दूध में 80 प्रतिशत तक पाया जाता है। बचे गए 20 प्रतिशत में व्हे प्रोटीन पाया जाता हैं।

कच्चा दूध कई घटको से बना होता है। कुछ पार्ट्स ससपेंशन में मौजूद होते हैं तो कुछ घोल में। व्हे प्रोटीन का उत्पादन चीज़ बनाने की प्रक्रिया के दौरान होता है जिसकी शुरूआत कच्चे दूध में कुछ एंज़ाइम्स के मिलाने के बाद होती है। एंज़ाइम्स दूध में कई घटको को अलग कर देता है उनमें से ही एक दही का रूप धारण कर लेता है। इस वक्त जो दही बनी है इसी का उपयोग चीज़ बनाने में किया जाता है और चीज़ बनाने की प्रक्रिया के दौरान ही व्हे प्रोटीन तरल पदार्थ के रूप में निकलता है।

इसके बाद तरल पदार्थ के रूप में यह व्हे प्रोटीन पाश्च्युराइज करके और सुखा कर पॉऊडर के रूप में बनाया जाता है जिसका प्रयोग सेवन करने के लिए किया जाता है। व्हे प्रोटीन बनाने के लिए प्रमुख प्रकिया इस हैं,

माइक्रोफिल्ट्रेशन: फाइन स्पेशलिटी फिल्टर को हम माइक्रो-फिल्टर्स या अल्ट्रा-फिल्टर्स कहते हैं, क्योंकि इनमें माइक्रोस्कोपिक पोर्स होते हैं जिसका उपयोग प्रोटीन को स्ट्रेन करने में किया जाता है। प्रोटीन से कंटेंट्स को निकालने को फिज़िकल मींस भी कहा जाता है।

आयन एक्सचेंज: इस विधि में प्रोटीन को आयन एक्सचेंज टॉवर में रखा जाता है जिसे एक रसायनिक शुद्धीकरण प्रक्रिया से गुजरना पड़ता है। इस प्रक्रिया में हाईड्रोक्लोरिक एसिड और सोडियम हाईड्रॉक्साइड दो रसायणों का उपयोग होता है। फिर भी यह प्रक्रिया माइक्रोफिल्ट्रेशन की तुलना में काफी किफायती है, लेकिन इसमें व्हे प्रोटीन के कुछ एमिनो एसिड्स नष्ट हो जाते हैं। एक बार प्रोटीन कॉंन्संट्रेट हो जाता है तो फिर इसे ड्राईंग टॉवर में पानी को निकालने के लिए रखा जाता है। फिर अंतिम प्रक्रिया में प्रोटीन को लेकर अलग अलग आकार के कंटेनर्स में पैक किया जाता है। इस तरह आपका वे प्रोटीन पाउडर बनकर तैयार हो जाता है।

व्हे प्रोटीन के नुकसान – Side Effects of Whey Protein in Hindi

कई स्थिति ऐसी होती हैं, जब व्हे प्रोटीन के नुकसान हो सकते हैं।

  • व्हे प्रोटीन का अधिक मात्रा में सेवन करने से मुंहासे होने का जोखिम बढ़ जाता है। हालांकि, इस विषय में अभी और शोध की आवश्यकता है, लेकिन अगर किसी को व्हे प्रोटीन के सेवन के बाद एक्ने की समस्या होती है तो वह इसका सेवन तुरंत बंद कर दें।
  • अगर किसी को फूड एलर्जी की समस्या है तो वह व्हे प्रोटीन के सेवन से पहले डॉक्टरी सलाह जरूर लें।
  • अगर आपको पहले से लीवर और किडनी की समस्या है तो व्हे प्रोटीन से आपको नुकसान हो सकता है।
  • ज्यादा व्हे प्रोटीन का इस्तेमाल करने से आपको पेट और डाइजेशन संबंधी समस्याएं हो सकती हैं।
  • व्हे प्रोटीन का ज्यादा इस्तेमाल करने से आपके पेट में ऐंठन, सूजन, दस्त, पेट फूलना जैसी समस्याएं हो सकती हैं।

Disclaimer: इस आर्टिकल में दी गई जानकारी सामान्य ज्ञान पर आधारित है इसके तरीक़ों व दावों की फास्ट खबरें पुष्टि नहीं करता है। इनको केवल सुझाव के रूप में लें। इस तरह के किसी भी उपचार/दवा/डाइट पर अमल करने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें। आपक कैसा लगा कमेंट में जरूर बताएं।

FAQ

Q: व्हे प्रोटीन कब लेना चाहिए?

Ans: एक्सपर्ट वर्कआउट के तुरंत बाद मसल्स रिकवरी के लिए व्हे प्रोटीन लेने की सलाह देते हैं, जो सही है। क्योंकि एक्सरसाइज के बाद प्रोटीन लेने से तुरंत मसल्स रिकवरी शुरू हो जाती है। साथ ही साथ यदि आप वेट लॉस कर रहे हैं तो इसके सेवन से आपको भूख कम करने और कम कैलोरी इंटेक में भी मदद मिल सकती है।
Q: सेहत के लिए सबसे अच्छा प्रोटीन कौन सा है?
Ans: प्रोटीन सप्लीमेंट कई तरह के होते हैं, लेकिन इसमें सबसे फायदेमंद और लोकप्रिय व्हे प्रोटीन (Whey protein) है। व्हे प्रोटीन को आप बहुत आसानी से अपनी डाइट में शामिल कर सकते हैं।
Q: व्हे प्रोटीन क्वालिटी कैसे चेक करें?
Ans: आपको व्हे प्रोटीन की क्वालिटी को चेक करने के लिए इसे सामान्य तापमान पर थोड़े से पानी में अपने प्रोटीन पाउडर का एक स्कूप मिलाएं। अब शेकर में 30 सेकंड के लिए हिलाएं। यदि आप कोई गांठ, गुच्छे या अवशेष देखते हैं, तो आपका पूरक नकली है। और यदि यह पूरी तरह से मिल जाए तो जो आपका  सही है

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