Salary Account Benefits : कई तरह के बैंक अकाउंट्स में एक सैलरी अकाउंट भी होता है। जी हां, वह अकाउंट जिसमें कर्मचारियों की तनख्वाह आती है, उसे सैलरी अकाउंट कहा जाता है। इस अकाउंट के बहुत सारे फायदे होते हैं मसलन फ्री एटीएम ट्रांजैक्शन्स, अनलिमिटेड ऑनलाइन ट्रांजैक्शन और न्यूनतम बैलेंस की भी छूट मिलती है।
वेतन खाते अथवा सैलरी अकाउंट एक प्रकार का विशेष बचत खाता है, जो वेतनभोगी ग्राहकों को दिया जाता है। यह नियोक्ता अथवा कंपनी द्वारा कर्मचारी को मासिक वेतन देने का एक सुविधाजनक तरीका है। वेतन खाता होने से नियोक्ताओं के लिए पैसा ट्रांसफर करना आसान हो जाता है और कर्मचारी को भी कई बेहतर सेवाएं मिलती हैं। इस लेख में हम जानेंगे कि Salary Account क्या होता है? ये सामान्य बैंक अकाउंट से अलग कैसे होता है? और सेलरी अकाउंट के फायदे । Salary account Benefits in Hindi.
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सैलरी अकाउंट क्या होता है? ( Salary account kya hai in Hindi )
कंपनी की तरफ से खोला गया वो अकाउंट जिसमें हर महीने आपकी सैलरी क्रेडिट होती है, उसे सैलरी अकाउंट कहा जाता है। वैसे तो सैलरी अकाउंट भी एक तरह का सेविंग्स अकाउंट ही होता है, इसमें भी आपको चेकबुक, एटीएम, नेटबैंकिंग, क्रेडिट कार्ड आदि सुविधाएं मिलती हैं लेकिन फिर भी ये सामान्य सेविंग्स अकाउंट से थोड़ा अलग होता है क्योंकि सैलरी अकाउंट पर आपको कई ऐसे फायदे मिलते हैं, जो सामान्य सेविंग्स अकाउंट पर नहीं मिल पाते। अगर आप भी इन फायदों के बारे में जानना चाहते हैं तो आर्टिकल को नीचे पूरा पढ़ें।
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सैलरी अकाउंट में मिलने वाले फायदे ( Salary account Benefits)
जीरो बैलेंस की सुविधा
सैलरी अकाउंट पर लोगो को जीरो बैलेंस की सुविधा मिलती है। अगर तीन महीने तक आपके अकाउंट में जीरो बैलेंस रहता है, तो बैंक आप पर किसी तरह का जुर्माना नहीं लगाता है। जबकि सामान्य सेविंग्स अकाउंट में मिनमिम बैलेंस मेंटेन करना जरूरी होता है। ऐसा न करने पर पेनाल्टी देनी ok है।
ATM से फ्री ट्रांजेक्शंस
कई बैंक सैलरी अकाउंट पर फ्री एटीएम ट्रांजैक्शन की सुविधा देते हैं। इसमें बैंक में एसबीआई, आईसीआईसीआई बैंक, एक्सिस बैंक, एचडीएफसी बैंक आदि के नाम शामिल हैं। ऐसे में, आपने एटीएम से महीने में कितनी बार ट्रांजेक्शन किया है, इसको लेकर आपको परेशान होने की जरूरत नहीं है। इसके साथ ही, सैलरी अकाउंट के एटीएम पर सालाना चार्ज नहीं लिया जाता है।
लोन की सुविधा
सैलरी अकाउंट पर आपको पर्सनल लोन, कार लोन या होम लोन आदि आसानी से मिल जाते है क्योंकि इस तरह के लोन के साथ बैंक को रिस्क का खतरा कम रहता है। Salary account और स्टेटमेंट आपकी सैलरी का प्रामाणिक डॉक्यूमेंट होता है। इसके लिए डॉक्यूमेंट्स के वेरिफिकेशन का काम भी आसानी से हो जाता है।
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वेल्थ सैलरी अकाउंट
अगर आपके पास बहुत अधिक पैसा है तो आप वैल्थ सैलरी अकाउंट भी खुलवा सकते हैं। इस तरह के अकाउंट में बैंक आपको डेडिकेटिड वेल्थ मैनेजर भी देता है, जो बैंक से जुड़े आपके तमाम कामों की देखरेख करता है।
लॉकर चार्ज पर छूट
कई बैंक्स सैलरी अकाउंट पर लॉकर चार्ज में छूट देते हैं। अगर एसबीआई की बात करें तो बैंक सैलरी अकाउंट पर लॉकर चार्ज में 25 फीसदी तक की छूट मिलती है, लेकिन अगर आपके बैंक को पता चलता है कि कुछ समय से आपके अकाउंट में सैलरी नहीं आ रही है तो आपको मिली सभी सुविधाएं वापस ले ली जाती हैं। ऐसे में, आपके बैंक अकाउंट को नॉर्मल सेविंग्स अकाउंट की तरह ही जारी रखा जाता है।
अन्य सुविधाएं
आपके सैलरी अकाउंट पर आपको फ्री में चेकबुक, पासबुक, नेटबैंकिंग की सुविधा मुफ्त में मिलती है। इसके साथ ही सैलरी क्रेडिट होने के एसएमएस का कोई चार्ज नहीं लिया जाता है।
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सैलरी अकाउंट कैसे खोला जाता है? How to open Salary Account
सैलरी अकाउंट कैसे खुलता है इसकी तमाम जानकारी नीचे दी जा रही है आप इन सवको फॉलो करके आसानी से सैलरी अकाउंट खोल सकते हैं।
- किसी कंपनी में नौकरी लगने पर, वहां का HR डिपार्टमेंट आपसे Salary account खुलवाने को कहता है।
- यह अकाउंट उसी बैंक में खुलवाने को कहता है, जिस बैंक से उसका गठबंधन होता है।
- इसके लिए आपके नियुक्ति पत्र (Appointment Letter) की कॉपी या अनुशंसा पत्र भी दिया जाता है। कंपनी के दिए गए डॉक्यूमेंट्स के साथ में अपने KYC डॉक्यूमेंट्स (फोटो, पहचान प्रमाण, पता प्रमाण वगैरह) लेकर उस बैंक की ब्रांच में जाना पड़ता है।
- वहां आपको सामान्य बैंक अकाउंट खुलवाने की तरह से फॉर्म भरना पड़ता है और अपने डॉक्यूमेंट्स की कॉपियां लगाकर जमा कर देना पड़ता है।
- इसी के साथ आपका Salary account खुल जाता है।
- कई बड़े बैंक तो तुरंत आपको एक welcome kit भी दे देते हैं, जिसमें आपको हाथों हाथ अकाउंट नंबर, चेक बुक और डेबिट कार्ड वगैरह दे दिए जाते हैं।