नई दिल्ली: केंद्र सरकार तीनों सेनाओं के अफसरों से जुड़े हुए अहम प्रस्ताव पर विचार कर रही है। सूत्रों द्वारा बताया गया है कि पहले सेना में कार्यरत अधिकारी जो वक्त से पहले रिटायरमेंट लेते हैं उनकी पेंशन कम कर दी जाएगी। दूसरा यह है कि रिटायरमेंट की उम्र भी बढ़ा दी जाएगी। वही आर्मी नेवी और एयरफोर्स के विचार से जुड़े मामलों को देखने और कोऑर्डिनेशन के लिए बनाए गए डिपार्टमेंट ऑफ मिलिट्री अफेयर्स की तरफ से एक पत्र जारी किया गया है।
अधिकारियों ने बताया कि प्रमुख रक्षा अध्यक्ष जनरल बिपिन रावत की अध्यक्षता वालेे डीएमए (DMA) का संसाधनों और श्रमशक्ति का सही इस्तेमाल सुनिश्चित करने पर केंद्रित सिलसिलेवार सुधार का एक हिस्सा है। बताया जा रहा है कि पेंशन और रिटायरमेंट से जुड़े नियमों में बदलाव के प्रस्ताव का ड्राफ्ट तैयार करने के लिए भेज दिया जाए।
आखिर क्यों उठाया जा रहा है यह कदम
पत्र मे लिखा गया है कि सीनियर पोजीशन में कम वैकेंसी होने की वजह से कई अधिकारी बोर्ड आउट हो जाते हैं। वहीं कई स्पेशलिस्ट और सुपर स्पेशलिस्ट जो बड़े पोजीशन के जॉब के लिए पहले से ट्रेडं होते हैं।वो दूसरे सेक्टर में काम करने के लिए नौकरी छोड़ देते हैं। जिससे हाई स्किल मैन पावर का नुकसान होता है।
आपको बता दें कि आर्मी मे कर्नल ब्रिगेडियर और मेजर जनरल रैंक के अधिकारियों की रिटायरमेंट की उम्र बढ़ाकर 57 साल, 58 साल और 59 साल कर दी जाए। यह नियम आर्मी के साथ नौसेना और एयरफोर्स में भी लागू होगा। कर्नल और मेजर अफसरों के रिटायरमेंट की उम्र 54 साल ,56 साल 58 साल है।
कितना तय किया जाएगा पेंशन
पेंशन के मामले में बताया गया कि अधिकारियों ने सेना में कितने साल काम किया है उसी आधार पर पेंशन तय की जाएगी। 20 – 25 साल सर्विस करने वालों को 50% वही 26 – 30 साल सर्विस करने वालों को 60% और 30 -35 साल वालों को 75% पेंशन दी जाएगी। वही जो 35 साल सर्विस को पूरा करेगा उसे पूरी पेंशन मिलेगी।
सेना का विरोध
जानकारी के मुताबिक पेंशन का फार्मूला के बदलाव के प्रस्ताव से सेना के अधिकारी विरोध कर रहे हैं। उनका कहना है कि जो अभी रिटायर होने वाले हैं उन अफसरों को इस बदलाव से आर्थिक नुकसान हो सकता है। इस प्रस्ताव को अदालत में ले जाने की बात कही जा रही है।