नई दिल्ली(New Delhi): कनाडा में भारतीय मूल के लोगों का जाकर बसने का चलन पिछले कुछ सालों में तेजी से बढ़ा है। इमीग्रेशन को लेकर कनाडा की सांसद जस्टिन टुडे ने सरकार द्वारा पेश रिपोर्ट के अनुसार 2019 में यहां भारतीय प्रवासी आंकड़ों के हिसाब से शीर्ष पर रहे है।
नए लोगों की रिकॉर्ड संख्या के कारण भारतीय कनाडा में सबसे तेजी से बढ़ते समुदायों में से एक बन गया हैं। लगभग पौने चार करोड़ आबादी वाले कनाडा में भारतीयों की संख्या 16 लाख के पार हो गई है। पिछले साल 85,593 प्रवासी अस्थाई निवासी बने हैं। जिसके बाद भारत स्थाई निवासी के लिए सबसे बड़ा स्रोत बन गया है।
यह डाटा सांसद ने प्रवासियों पर 2020 की वार्षिक रिपोर्ट को रखने के बाद सामने आया है। 2018 से 19 के बीच इनमें 20 फ़ीसदी की बढ़ोतरी हुई है। कनाडा सरकार कोविड-19 और दूसरे प्रतिबंधों की वजह से अनुमानित कमी के लिए देश में आने वाले प्रवासियों की संख्या में काफी बढ़ोतरी कर रही है।हालांकि 2021 के लिए पहले 3,51,000और 2022 के लिए 3,61,000 अस्थाई प्रवासियों की योजना थी। लेकिन इसे बढ़ाकर 4,01,000 और 4,11,000,कर दिया गया है। 2023 के लिए यह संख्या 4,21,000 है।
कनाडा के प्रवासी मंत्री मार्को मेडिसिना शुक्रवार को बताया कि नये आवर्जन लक्ष्यों की घोषणा नवांग तुर्को की महत्वपूर्ण भूमिका पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने बताया कि हमारे व्यवसाय को कौशल प्रदान करने की आवश्यकता है। लेकिन स्वयं के व्यवसाय शुरू करके ही ऐसा किया जा सकता है।
अप्रवासियों ने बनाया है कनाडा को बेहतर और समृद्ध
कनाडा के प्रवासी एवं शरणार्थी मंत्री मार्को अल मेदीनो के मुताबिक कनाडा अप्रवासियों, शरणार्थियों के लिए एक सुरक्षित और स्वागत योग्य देश बन गया है। अप्रवासियों ने कनाडा को आंकड़ों और परिस्थितियों से ऊपर जाकर बेहतर और समृद्ध बनाया है। कनाडा के लोगों ने देखा है कि कैसे नए लोग हमारे अस्पताल और देखभाल केंद्र में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। और हमारी टेबल तक खाना परोसने में कैसे हमारी मदद करते है।
हमारी यह योजना श्रम में आ रही कमी को तेजी से दूर कर कनाडा को विश्व स्तर पर प्रतिस्पर्धा बनाए रखने के लिए हमारी आबादी को भी बढ़ाएगी। कनाडा भारतीय आव्रजन के तेजी से बढ़ने का सबसे बड़ा कारण अमेरिकी नीतियों और आईटी और स्वास्थ्य पेशेवरों की कमी के कई कारक शामिल है। इसी तरह कनाडा में आने वाले भारतीय छात्रों की संख्या 2016 में 76,075 से बढ़कर 2019 में 219,855 हो गई है। जिसमें लगभग 300 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।