नई दिल्ली: केंद्र की कैबिनेट बैठक में गुरुवार को खास निर्णय लिया गया है। जिसमें केंद्र सरकार ने जूट की खेती को बढ़ावा देने और इससे किसानों के प्रोत्साहन के लिए कल्याणकारी योजना की भी घोषणा की है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में ये कैबिनेट की बैठक हुई है।
जिसमें एथनाॅल की कीमत बढ़ाने समेत तीन अहम फैसले लिए गए। जिसमें एक फैसला जूट की खेती को बढ़ावा देने के लिए भी लिया गया। केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावेडकर ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर इन फैसलों के बारे में जानकारी दी। पिछले महीने आत्ममनर्भर भारत के लिए दिए गए मंत्र के नक्शे कदम पर चलते हुए कई घोषणाएं की जा चुकी है।
सरकार ने यह तय किया है, कि खाद्यान्नों की पैकिंग के लिए अब सिर्फ जुट के बैग का ही इस्तेमाल किया जाएगा। जिससे देश में जूट और जूट के बने बैग उद्योग को भी बढ़ावा मिलेगा।
यह भी तय किया गया है, कि चीनी की पैकिंग के लिए 20 फ़ीसदी जूट बैग का इस्तेमाल किया जाएगा। जावेडकर नेे जानकारी देते हुए बताया कि जूट उद्योग में करीब 4 लाख मजदूर काम करते हैं। जिससे उन्हें फायदा होगा।
आइए जानते हैं जूट की खेती से क्या लाभ होगा
जूट की खेती ज्यादातर पश्चिम बंगाल, उड़ीसा, मेघालय त्रिपुरा और आंध्र प्रदेश में होता है। जावेडकर ने बताया, कि जुट की खेती के लिए उन्नत बीजों का इस्तेमाल किया जाएगा। जिसमें हर हेक्टेयर में किसानों की आय में 10,000 रुपए तक इजाफा होगा। 2017 में बांग्लादेश और नेपाल से जुट के आयात पर पैसा बढ़ाया गया था।
सरकार ने अब जीएम पोर्टल से जूट खरीदने का फैसला लिया है। इस पोर्टल पर 10 फ़ीसदी जुट की नीलामी होगी। जिससे जूट के मूल्य निर्धारण में मदद मिलेगी। जुट के उत्पादन को बढ़ाने के लिए सरकार यह कदम उठा रही है।
खाघान्न की पैकिंग के लिए जूट के बैग
सरकार ने अब किसानों के लिए यह फैसला लिया है, कि अब खाधान्न की पैकिंग जूट के बोरे में करना अनिवार्य होगा। अब 100 फ़ीसदी अनाज की पैकिंग जूट के बोरे में ही की जाएगी।
इसके बावजूद 20 फ़ीसदी चीनी के पैकिंग भी जूट के बोरे में की जाएगी। जिससे जूट के3.7 लाख कारोबारी को फायदा होगा और साथ ही लाखों किसानों को भी फायदा होगा।