E-Commerce meaning in Hindi : भारत में ई-कॉमर्स का बाजार बहुत तेजी से फैल रहा है। एक रिपोर्ट के मुताबिक, 2030 तक भारत में ई-कॉमर्स बिजनेस ( e business ) का आकार बढ़कर 40 बिलियन डॉलर का हो जाएगा। 2019 में यह महज 4 बिलियन डॉलर का था। इस( e commerce companies ) ग्रोथ रेट के पीछे डिजिटल क्रांति का वहुत बड़ा कारण है। भारत में इंटरनेट यूजर्स की संख्या काफी तेजी से बढ़ रही है। यही वजह है कि ऑनलाइन खरीदारी( electronic business ) में बहुत तेजी देखी जा रही है।
भारत के टायर-3, और टायर-4 शहरों का बहुत तेजी से ( Online e commerce business ) डिजीटलीकरण हो रहा है। ग्रामीण भारत में भी इंटरनेट की पहुंच हो चुकी है और बाकी के क्षेत्रों में इसकी पहुंच की रफ्तार काफी तेज से होती दिख रही है। इंटरनेट पहुंच के कारण वहां के कस्टमर्स के बिहेवियर और पैटर्न में भी काफी बदलाव हुआ है। वे ( e commerce and e business )मे अब ऑनलाइन खरीदारी की तरफ काफी आकर्षित हुए हैं। रिटेल बाजार के जानकारों का कहना है कि इंडियन रिटेल मार्केट में ई-कॉमर्स के लिए तमाम संभावनाएं हैं। Types of e commerce businesses in Hindi)
Table of Contents
ई कॉमर्स क्या है – E-Commerce meaning in Hindi
E-Commerce को Electronic Commerce या Internet Commerce के नाम से भी जाना जाता है। इंटरनेट के माध्यम से किसी उत्पाद या सेवा को खरीदना या बेचना तथा ऑनलाइन पैसे ट्रांसफर या शेयर करने की प्रक्रिया को ही E-Commerce business कहते है। यहाँ E का मतलब Electronic और Commerce का मतलब वणिज्य अर्थात व्यापार से है। एक आसान भाषा में कहा जाये तो Online Shopping, Payment Transfer, Online Ticket Booking आदि सुविधाएं ई-कॉमर्स के अंदर ही आती है।
यह एक ऐसा माध्यम है जो व्यापारी और ग्राहक के बिच बिना किसी सम्बन्ध और समय की बर्बादी के वस्तु को उपलब्ध करवाता है। इस माध्यम की सहायता से लोगो को शॉपिंग करने के लिए घर से बाहर नहीं जाना पड़ता है आसानी से घर बैठे शॉपिंग कर सकते हैं। सिर्फ E-Commerce वेबसाइट पर जो वस्तु लेनी है उसे पसंद करके आर्डर करना है उसके बाद सामान आसानी से आपके घर तक पहुंच जाता है।
ईकॉमर्स के लाभ- e commerce advantages
- सभी उत्पाद इंटरनेट के माध्यम से आसानी से मौजूद हैं। आपको बस एक खोज इंजन का उपयोग करके उन्हें खोजना है। दूसरे शब्दों में, उत्पादों या सेवाओं को खरीदने के लिए घर छोड़ने की आवश्यकता नहीं है।
- ईकॉमर्स ( e commerce Hindi ) का यह भी फायदा है कि ग्राहकों को कुछ भी लेने के लिए इधर-उधर जाने में समय बर्बाद नहीं करना होगा। एक ऑनलाइन स्टोर के साथ, उत्पादों का पता लगाना आसान है और इसे केवल कुछ दिनों में घर के दरवाजे तक पहुंचाया जा सकता है।
- खरीदारी करने के लिए घर छोड़ने की आवश्यकता नहीं है। आप न केवल सामग्री के मामले में, बल्कि कीमतों के मामले में भी अनंत विकल्पों को चुन सकते हैं। विभिन्न भुगतान विधियां भी प्रदान की जाती हैं, इसलिए सभी आवश्यक वस्तुएं एक ही स्थान पर मिल सकती हैं।
- उत्पादों और कीमतों की तुलना करना आसान है। जैसा कि उत्पाद ऑनलाइन पाए जाते हैं, वे विवरण और विशेषताओं के साथ होते हैं, इसलिए उन्हें दो, तीन या अधिक ऑनलाइन स्टोर के बीच भी आसानी से तुलना की जा सकती है।
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ई-कॉमर्स के प्रकार – e commerce types
आइए जानते हैं ई कॉमर्स बिजनेस मॉडल क्या है आम तौर पर, ईकॉमर्स business को कई अलग-अलग तरीको से categorize किया जाता हैं। अक्सर ईकॉमर्स व्यवसाय चार या उससे अधिक मॉडलों में पाए जाते हैं।ऐसे मे अलग- अलग व्यवसायों के लिए, आपको अलग-अलग प्रकार के तकनीकों और रणनीतियों को अपनाना होता है।
ईकॉमर्स business model कुछ इस प्रकार है
बिजनेस-टू बिजनेस ई-कॉमर्स ( B2B ) b2b ecommerce
एक वेबसाइट जो अपना product किसी एक मध्यवर्ती खरीदार को बेचता है जो फिर पर्याप्त लाभ के साथ उसी product को दुबारा अंतिम ग्राहको को बेचता है तो, वे एक B2B ( b2b ecommerce platform ) व्यवसाय मॉडल है। उदाहरण के लिए, एक wholesale व्यापारी किसी एक कंपनी की वेबसाइट के जरिए आपना product खरिदने के बाद, उसी product को कुछ मुनाफे के साथ अंतिम ग्राहक को बेचता है। इसी को business to business e commerce कहते हैं। इस ( b2b e commerce companies ) बिजनेस मॉडल में कंपनियां एक दूसरे के साथ बिजनेस कर रहे होते हैं।
बिजनेस- टू कंजूमर ई-कॉमर्स ( B2C ) b2c ecommerce
B2C बिजनेस मॉडल में, एक वेबसाइट अपने उत्पादों को सीधे ग्राहक को बेचता है। इस( C2b e commerce ) व्यवसाय मॉडल में, एक ग्राहक विक्रेता की वेबसाइट पर दिखाए गए उत्पादों को देख सकता है और products को चुन सकता है और उसे ऑर्डर कर सकता है। तब वे वेबसाइट या संगठन ग्राहक के दिए गए पते पर उत्पाद/सामान भेजता है। ये e commerce b2c मॉडल कहलाता है।
कंजूमर- टू कंजूमर ई-कॉमर्स (Consumer-to-Consumer) – C2C e commerce
C2C E-Commerce वेबसाइटे एक Consumer को दूसरे Consumer से जोड़ती है। इस C2C business मे एक उपभोक्ता अपने नए या पुराने प्रोडक्ट को किसी दूसरे उपभोक्ता को बेच सकता है। इसमें एक उपभोक्ता अपने प्रोडक्ट को उसकी डिटेल के साथ वेबसाइट में जोड़ता है और दूसरे उपभोक्ता को पसंद आने पर वह इसे खरीद सकता है। ये ई-कॉमर्स वेबसाइटे ( e commerce store ) कमिशन या विज्ञापन से अपनी कमाई करती है। उदहारण के लिए Quiker,Olx आदि।
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कंजूमर टू बिजनेस ई-कॉमर्स (Consumer-to-Business) (C2B)
C2B बिज़नेस मॉडल में Consumer या उपभोक्ता अपने प्रोडक्ट या सर्विस को सीधे कंपनी या संस्था को बेचता है। यह B2C Business Modal का बिलकुल ही विपरीत होता है।
जैसे कोई व्यक्ति Web Devloper या App Developer है। तो कंपनी या संस्था उस व्यक्ति से कांटेक्ट कर सकती है। व्यक्ति अपने काम के बदले पैसे चार्ज कर सकता है। Freelance काम इसी बिज़नेस मॉडल के अंदर आते है। जैसे Fiver, Upwork आदि पर किये जाने वाले काम।
गवर्नमेंट- टू गवर्नमेंट (Government to Government) ( G2G )
G2G दो या उससे अधिक सरकारी एजेंसियों या विभागों के बीच होने वाले डेटा या सूचना के लेनदेन कि प्रणाली है। इस। ( b2g e commerce ) प्रणाली मे नागरिकों के हित के उद्देश्य से सरकारी एजेंसियों के बीच आवश्यक सहयोग और संचार जेसे चीजें सामिल है।
गवर्नमेंट- टू- इंप्लाइज (Government-to-Employees) (G2E)
G2E एक ऐसा ई-कॉमर्स मॉडल है जो सरकारी एजेंसियों और उनके कर्मचारियों के साथ interacts करता है। यह ( g2c e commerce ) कर्मचारियों को मुआवजे , लाभ ,उनके अधिकारों और कानूनों के बारे में जागरूकता के साथ-साथ नीतियों से कर्मचारियों को अवगत कराने का काम करता है
ई-कॉमर्स बिजनेस कैसे शुरू करें starting an e-commerce business
- तय करें खुद का मार्केटप्लेस या मौजूदा मार्केटप्लेस
- स्वर्ण की ई कॉमर्स ( e-commerce application )कंपनी रजिस्टर करें।
- ऑनलाइन स्टोर के लिए डोमेन नाम बुक करें।
- ई-कॉमर्स वेबसाइट बनाएं
- विक्रेताओं को रजिस्टर करें।
- पेमेंट गेटवे
- लॉजिस्टिक का प्रबंध करें
- इंटरनेट पर उपभोक्ताओं तक पहुंच बनाये।
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ईकॉमर्स के नुकसान- e commerce disadvantages
- यदि ऑनलाइन स्टोर ( e commerce startups )ऑनलाइन लेनदेन को सुरक्षित रखने के लिए सभी सुरक्षा और गोपनीयता की स्थिति प्रदान नहीं करता है। कोई भी नहीं चाहता कि उनकी व्यक्तिगत और वित्तीय जानकारी सभी को दिखाई दे, इसलिए खरीदने से पहले साइट पर शोध करना आवश्यक है।
- इस तथ्य के बावजूद कि ईकॉमर्स पूरी खरीद प्रक्रिया को आसान बनाता है, एक उपभोक्ता वास्तव में उत्पाद को तब तक नहीं छू सकता है जब तक कि इसे घर पर वितरित नहीं किया जाता है।
- ( e business e commerce ) ऑनलाइन खरीदारी करते समय, उपभोक्ता को उत्पाद की कीमत, शिपिंग और संभावित करों के बारे में पता होता है, लेकिन यह भी संभव है कि छिपी हुई लागतें खरीद चालान में नहीं दिखाई जाती हैं, लेकिन भुगतान के रूप में देनी होती है।
- जबकि उत्पाद वितरण तेज है, मौसम की स्थिति, उपलब्धता और अन्य कारक उत्पाद शिपमेंट में देरी का कारण बन सकते हैं
FAQ:
Q: e commerce full form
Ans: इलेक्ट्रॉनिक कॉमर्स (ई–कॉमर्स या ईकामर्स) इंटरनेट पर इलेक्ट्रॉनिक रूप से आयोजित वाणिज्यिक लेनदेन है।
Q: ई कॉमर्स बिज़नेस मॉडल क्या है? (What is E-Commerce in Hindi)
Ans: इस मॉडल में दो ग्राहकों के बीच एक इलेक्ट्रॉनिक लेनदेन शामिल है। आमतौर पर, वे तीसरे पक्ष के माध्यम से लेनदेन करते हैं जो उन दो ग्राहकों को एक मंच प्रदान करता है। पुरानी आइटम बेचने वाली वेबसाइटें C2C ईकामर्स मॉडल के उदाहरण हैं।
- बिजनेस-टू-बिजनेस ई–कॉमर्स (B2B)
- बिजनेस-टू-कंज्यूमर ई–कॉमर्स (B2C)
- कंज्यूमर-टू- कंज्यूमर ई–कॉमर्स (C2C)
- कंज्यूमर-टू-बिजनेस ई–कॉमर्स (C2B)
- बिजनेस-टू-एडमिनिस्ट्रेशन ई–कॉमर्स (B2A)
- कंज्यूमर-टू-एडमिनिस्ट्रेशन ई–कॉमर्स (C2A)
Q: ई-कॉमर्स कंपनी कौन कौन सी है ( e-commerce website in India )
Ans: अमेजन, फ्लिपकार्ट, वॉलमार्ट, बिगबास्केट, अलिबाबा, पेटीएम मॉल, मिंत्रा, स्नेपडील, शॉपक्लूज आदि ई–कॉमर्स खिलाडियों (ई–कॉमर्स मार्केटप्लेस) ने ऑनलाइन शॉपिंग को व्यापक स्तर पर पहुँचा दिया है और अपने ग्राहकों तक आसान पहुँच सुनिश्चित भी की है। इससे ग्राहकों के साथ-साथ मर्चेंट्स को भी लाभ हुआ है।
Q: छोटे बिजनेस के लिए सबसे अच्छा ई-कॉमर्स प्लेटफार्म कौन सा है? ( Best e commerce platform for small business )
Social Media , E Commerce Website, Google Adword , Indiamart आदि। आप Instagram , Facebook , Youtube आदि पर अपने प्रोडक्ट की ऑनलाइन मार्केटिंग करके बहुत सारा पैसा कमा सकते हैं। Online Marketing भी Small Scale Business के अंतर्गत आता है।
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