Delhi Drone festival | 2030 तक भारत बनेगा ड्रोन हब , सरकार दे रही है ड्रोन तकनीक में रोजगार

Bharat drone festival 2022 : जियो प्लेटफार्म ( jio platform)  की दो सब्सिडरी कंपनियों ने दिल्ली में चल रहे भारत ड्रोन महोत्सव  (Bharat Drone Mahotsav 2022 in hindi ) में अपनी तकनीकी क्षमता का प्रदर्शन किया। बेंगलुरु स्थित एस्टेरिया एयरोस्पेस लिमिटेड‘ एक फुल-स्टैक ड्रोन टेक्नोलॉजी कंपनी है जो ड्रोन हार्डवेयर के साथ सॉफ्टवेयर पर भी काम करती है।( ड्रोन महोत्सव क्या है ) वहीं जियो प्लेटफॉर्म्स से जुड़ी दूसरी कंपनी ‘सांख्यसूत्र लैब्स’ मल्टीफिजिक्स, एरोडायनामिक्स सिमुलेशन सॉफ्टवेयर और डीप टेक्नोलॉजी की एक्सपर्ट है। दोनों कंपनियों 27, 28 मई को दिल्ली के प्रगति मैदान में आयोजित दिल्ली ड्रोन महोत्सव (Delhi drone festival) में भाग ले रही हैं। महोत्सव का आयोजन नागरिक उड्डयन मंत्रालय और ड्रोन फेडरेशन ऑफ इंडिया ने किया है।

महोत्सव के उद्घाटन के लिए पहुंचे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एस्टेरिया स्टॉल का दौरा किया उन्होंने ड्रोन तकनीक के बारे में जाना और एक ड्रोन को रिमोट कंट्रोल की सहायता से उड़ा कर भी देखा। ड्रोन इंडस्ट्री पर अपना विजन साझा करते हुए प्रधानमंत्री ने उम्मीद जताई कि भारत को दशक के अंत तक दुनिया का ड्रोन हब बन जाएगा। इसके लिए भारत सरकार ड्रोन से जुड़े उद्योग जगत को पूरा सहयोग देगी। यह जानते हैं भारत ड्रोन महोत्सव क्या है?

ड्रोन महोत्सव क्या है ? Bharat Drone Mahotsav in hindi

ड्रोन महोत्सव क्या है

इस इवेंट में सरकारी अधिकारियों, विदेशी राजनयिकों, सशस्त्र बलों, केन्द्रीय सशस्त्र पुलिस बलों, निजी कंपनियों और ड्रोन स्टार्टअप से जुड़े 1,600 से अधिक लोग भाग ले रहे हैं। बयान के अनुसार, 70 से अधिक प्रदर्शक (एक्जीबिटर्स) प्रदर्शनी में ड्रोन के विभिन्न इस्तेमालों के संबंध में जानकारी देंगे। बयान में कहा गया कि इस महोत्सव में डिजिटल माध्यम से ड्रोन पायलट सर्टिफिकेट बांटे जाएंगे, उत्पादों का उद्घाटन होगा, पैनल चर्चाएं होंगी, परिचालन दिखाए जाएंगे और मेड इन इंडिया ड्रोन टैक्सी का मॉडल भी दिखेगा

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ड्रोन टैक्सी का प्रोटोटाइप क्या है?

पीएम मोदी ड्रोन टैक्सी का प्रोटोटाइप भी प्रदर्शित करेंगे। यह मेड इन इंडिया ड्रोन टैक्सी प्रोटोटाइप महोत्सव का खास आकर्षण होगा। आईआईटी मद्रास द्वारा शुरू की गई कंपनी ई-प्लेन ने इसे तैयार किया है। 2025 तक इसे सर्टिफिकेट मिलने की उम्मीद जताई जा रही है। इस कड़ी में पहले सेना के साथ इसका ट्रायल किया जाएगा। अनुमान है कि 2028-29 तक ड्रोन टैक्सी भारतीय आकाश में उड़ती नजर आ सकती हैं।

ड्रोन महोत्सव 2022 का उद्देश्य घरेलू उद्योगों को बढ़ावा

कुछ समय पहले तक ड्रोन के लिए पूरी तरह से आयात पर निर्भर भारत तेजी से इस मामले में आत्मनिर्भरता की तरफ कदम बढ़ा रहा है। घरेलू उद्योग को बढ़ावा देने के उद्देश्य से ही फरवरी में ड्रोन के आयात पर प्रतिबंध का भी एलान कर दिया गया। अब केवल आरएंडडी, डिफेंस और सिक्योरिटी के लिए ही ड्रोन आयात की अनुमति है। इनके लिए भी क्लियरेंस जरूरी होगा। आयात पर प्रतिबंध के कदम से घरेलू ड्रोन निर्माताओं को लाभ होगा। ड्रोन के पुर्जो के आयात पर प्रतिबंध नहीं लगाया गया है। सरकार ने ड्रोन उद्योग के लिए परचेज लिंक्ड इंसेंटिव (पीएलआइ) योजना भी शुरू की है, जिसे जबर्दस्त प्रतिक्रिया मिली है।

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ड्रोन का उपयोग विकास कार्यों के लिए महत्वपूर्ण

पीएम मोदी वताया कि जब केदारनाथ के पुनर्निर्माण का काम शुरू हुआ था, तो हर बार मेरे लिए वहां जाना संभव नहीं था। तो मैं ड्रोन के जरिए केदारनाथ के काम का निरीक्षण करता था। आज सरकारी कामों की गुणवत्ता को देखना है तो यह ज़रूरी नहीं है कि मैं बता दूं कि मुझे वहां निरीक्षण करने के लिए जाना है। मैं ड्रोन भेज दूं तो वह जानकारी लेकर आ जाता है और उन्हें पता भी नहीं चल पाता है कि मैंने जानकारी ले ली है।

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