वसंतदादा नगरी सहकारी बैंक का लाइसेंस रद्द: RBI ने बताया 99% डिपाजिटरो को मिलेगी पूरी रकम

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने महाराष्ट्र के उस्मानाबाद में स्थित वसंतदादा नगरी सहकारी बैंक का लाइसेंस रद्द कर दिया। आरबीआई ने रद्द की वजह उसका बैंकिंग रेगुलेशन एक्ट की अनिवार्य शर्तों को पूरा करने में विफल रहना बताया है। आरबीआई ने कहा कि बैंक अपनी मौजूदा वित्तीय स्थिति के हिसाब से अभी के जमाकर्ताओं का पूरा पैसा वापस नहीं कर पाएगा। इसी कारण उसका लाइसेंस रद्द किया गया है।

वसंतदादा नगरी सहकारी बैंक का लाइसेंस रद्द

RBI ने कहा कि सहकारी बैंक का लाइसेंस रद्द करने और परीसमापन की प्रक्रिया शुरू होने के साथ ही बैंक जमाकर्ताओं  का पैसा लौटाने की प्रक्रिया भी शुरू कर दी जाएगी। RBI ने कहा कि परीसमापन के बाद जमा बीमा एवं कर्ज गारंटी निगम से जमाकर्ता  5 लाख रुपए तक का जमा पाने के पात्र होंगे।

वसंतदादा नगरी सहकारी बैंक का लाइसेंस रद्द RBI ने कहां

बैंकिंग गतिविधियां RBI के लाइसेंस रद्द करने के बाद वसंतदादा नगरी सहकारी बैंक 11 जनवरी 2021 से अपनी गतिविधियां संचालित नहीं कर सकेगा। महाराष्ट्र के सहकारी आयुक्त और सहकारी समिति रजिस्ट्रार ने भी बैंक का कामकाज बंद करने और उसके लिक्विडेशन के लिए एक लिक्विडेटर नियुक्त करने का आदेश जारी करने का अनुरोध किया था।https://www.fastkhabre.com/archives/2862

पैसे लौटाने को लेकर आरबीआई ने कहा

वसंतदादा नगरी सहकारी बैंक का लाइसेंस रद्द

99% ग्राहकों को पूरा पैसा वापस मिलेगा आरबीआई ने कहा कि बैंक का लाइसेंस रद्द करने और लिक्विडेशन शुरू होने के साथ ही उसके डिपॉजिटरो का पैसा लौटाने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई जाएगी।

RBI ने बताया कि लिक्विडेशन के बाद बैंक के ग्राहक जमा बीमा एवं कर्ज गारंटी निगम से 5 लाख तक की जमा राशि वापस लेने के हकदार होंगे। ऐसे मे बैंक के लगभग 99% ग्राहकों को पूरा पैसा वापस मिल जाएगा।

यह आशंका जाहिर करते हुए RBI ने वताया कि कोरोना संकट के कारण हुए हालात से बैंकों की वित्तीय सेहत बिगड़ सकती है। भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने सोमवार को बताया कि महामारी के कारण बैंक की संपत्ति को बट्टा लग सकता है, और पूंजी की कमी हो सकती है।

गवर्नर ने बैंकों से पूंजी आधार बनाए जाने पर जोर दिया है। उन्होंने सरकार के पास राजस्व की कमी का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि कुछ साल पहले केंद्रीय बैंक ने बैंकों की संपत्ति गुणवत्ता की समीक्षा की थी।

 

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