भारत में ड्रोन उड़ाने के लिए नियम लागू, देश में Drone काफी तेजी से पॉपुलर हो रहा हैं। ड्रोन का यूज कई कामों के लिए किया जाता है। फोटोग्राफी से लेकर छोटे सामान की डिलीवरी तक में ड्रोन का यूज हो रहा है।ड्रोन का मिसयूज भी किया जा सकता है अभी इसका ताजा उदाहरण जम्मू एयर फोर्स स्टेशन पर हुआ ड्रोन अटैक है। ड्रोन उड़ाने को लेकर सरकार की ओर से गाइडलाइंस भी जारी किया गया है।
देश भर में अब 250 ग्राम से ज्यादा वजन के ड्रोन उड़ाने के लिए लाइसेंस और ट्रैनिंग अनिवार्य कर दी गई है। बिना ट्रैनिंग और बिना लाइसेंस ड्रोन उड़ाने पर 25 हजार रुपए तक के जुर्माने का प्राधान किया गया है। रिमोट पाइलेट लाइसेंस के लिए न्यूनतम 18 वर्ष की उम्र, दसवीं तक की पढ़ाई, मेडिकली फिट होने के साथ साथ सरकारी परीक्षा भी पास करना होगा।
केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने ड्रोन बनाने, बेचेन-खरीदने, ऑपरेशन से जुड़े नियमों की अधिसचूना जारी कर दी है। नए नियम 12 मार्च से लागू हो गए हैं। इन नियमों को मानव रहित विमान प्रणाली नियम 2021 नाम दिया है। इन नियमों के तहत अब ड्रोन्स के निर्माण, ऑपरेशन, आयात, निर्यात, ट्रांसफर और कारोबार के लिए सरकार से पहले मंजूरी लेने की अनिवार्यता लागू कर दी है।
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भारत में ड्रोन उड़ाने का नियम और कैटेगरी
- नैनो ड्रोन -250 ग्राम से कम वजन का
- माइक्रो ड्रोन -250 ग्राम से ज्यादा और 2 किलो से कम
- मिनी ड्रोन -2 किलो से 25 किलो तक
- स्माल ड्रोन- 25 से 150 किलो तक
- लार्ज ड्रोन-150 किलो से ज्यादा
नैनों के अलावा एनटीआरओ, एआरसी और सेंट्रल इंटेलिजेंस एजेंसियों के ड्रोन छोड़कर सभी को रजिस्टर करवाना होगा और ड्रोन को यूनिक आइडेंटिफिकेशन नंबर मिलेगा| ड्रोन उड़ाने के लिए ईयर स्पेस को तीन भागों में बांटा गया है| रेड जोन, इसमें उड़ान की परमिशन नहीं होगी| नियंत्रित वायु क्षेत्र वाले येलो जोन और ऑटो परमिशन के लिए ग्रीन जोन में बांटा गया है| ड्रोन इस्तेमाल करने के लिए मोबाइल ऐप के जरिए अनुमति लेनी होगी और तुरंत ही स्वचालित तरीके से जानकारी मिल जाएगी|
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इन जगहों पर हो रहा ड्रोन का इस्तेमाल
आपने देखा होगा कि शादी ब्याह हो या फिल्में में ड्रोन का इस्तेमाल बीते कुछ सालों में बहुत तेजी से बढ़ा है लेकिन उसका इस्तेमाल यहीं तक सीमित नहीं है बल्कि यह टोही विमान नागरिक सुरक्षा से लेकर इ कॉमर्स के बाजार तक अपनी उपयोगिता साबित कर रहे हैं भारत में प्राकृतिक आपदाएं हर साल लाखों लोगों की जान लेती है, भूकंप के नजरिए से संवेदनशील पहाड़ी इलाके, मैदानी इलाकों में कहर बरसाती बाढ़ हो या तूफानों के साए में रह रहे तटीय इलाके, आपदा की स्थिति राहत और बचाव के लिए ड्रोन बेहतर साबित हो सकते हैं| कई मौकों पर ड्रोन के इस्तेमाल से राहत एजेंसियों को काफी मदद भी मिली है|
ड्रोन का एक बड़ा इस्तेमाल कानून व्यवस्था को बनाए रखने के लिए भी हो रहा है| सहारनपुर में हुई सांप्रदायिक हिंसा के दौरान भी उत्तर प्रदेश पुलिस ने ड्रोन कैमरे का इस्तेमाल किया था| जिसे पुलिस को हालात पर नजर रखने में काफी मदद मिली थी|
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इसके साथ ही राहत और बचाव अभियान की गतिविधियों की निगरानी और महत्वपूर्ण कार्यों की प्रगति के लिए रेलवे द्वारा ड्रोन तैनात किए जाएंगे| रेलवे जल्द ही अपने सभी डिवीजन और में जोन में ड्रोन कैमरों का इस्तेमाल शुरू करने वाला है| जबलपुर हेड क्वार्टर में सबसे पहले ड्रोन कैमरा का इस्तेमाल शुरू किया गया है
भारत में ड्रोन उड़ाने का नियम बिना परमिट देना होगा जुर्माना
नैनो कैटेगरी के अलावा किसी तरह के ड्रोन को उड़ाने के लिए आपको लाइसेंस या परमिट की जरूरत पड़ेगी। अगर बिना परमिट के ड्रोन (नैनो को छोड़कर) को कोई उड़ाता है तो उससे 25,000 रुपये का जुर्माना देना होगा। नो ऑपरेशन एरिया में ड्रोन उड़ाने पर 50,000 रुपये तक का फाइन है।
ड्रोन की फ्लाइट को लेनी होगी ऑनलाइन परमिशन
एयरक्राफ्ट की तर्ज पर ही अब ड्रोन की हर फ्लाइट के लिए अनुमति लेनी होगी। इसके लिए डीजीसीए को ऑनलाइन आवेदन करना होगा। नेनो के अलावा हर ड्रोन की फ्लाइट ऑनलाइन परमिशन लेनी होगी। नेनो ड्रोन के अलावा बंद परिसर में कोई भी ड्रोन नहीं उड़ पाएगा। मानव रहित विमानों के रिसर्च में लगे संस्थानों को मंजूरी लेनी होगी।
ड्रोन की उड़ान की उंचाई सीमा और खोने, टूटटे की सूचना सरकार को देनी होगी
नेनो ड्रोन का भार 250 ग्राम तक सीमित होगा, इससे ज्यादा वजन के सभी ड्रोन पर नियम लागू होंगे। नेनो ड्रोन 15 मीटर, माइक्रो ड्रोन 60 मीटर और स्माल ड्रोन 120 मीटर तक की ऊंचाई पर उड़ पाएगा। ड्रोन के खो जाने, टूटने-फूटने पर सरकार को सूचना देनी होगी। प्रतिबंधित क्षेत्र में उड़ान और फोटोग्राफी भी प्रतिबंधित रहेगी। फोटोग्राफी के दौरान लोगों की निजता का ख्याल रखना होगा।