तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के चल रहे आंदोलन के तहत, शुक्रवार को भारत बंद का ऐलान किया गया है संयुक्त किसान मोर्चा के अनुसार आंदोलन के 120 दिन पूरे होने पर इस बंद का आयोजन किया गया है। मोर्चा ने लोगों से बंद को सफल बनाने की अपील की है। मोर्चा ने कहा है कि कार्यक्रम शुक्रवार सुबह 6 बजे से शाम 6 बजे तक के लिए रखा गया है। बंद के दौरान सभी तरह के व्यापार ठप रहेंगे। किसानों ने लोगों से इस बंद को सफल बनाने की अपील की है। बीते हफ्ते संयुक्त किसान मोर्चा (SKM) ने ‘संपूर्ण भारत बंद’ के लिए रणनीति बनाने के लिए विभिन्न जन संगठनों और संघों के साथ बुधवार को मुलाकात की थी।
भारत बंद किसान आंदोलन पिछले साल 26 नवंबर से शुरू हुआ था
किसान आंदोलन पिछले साल 26 नवंबर को शुरू हुआ था। बता दें कि, हजारों की संख्या में किसान दिल्ली की सीमाओं पर नए कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं। वहीं कांग्रेस, लेफ्ट, समेत कई विपक्षी दलों ने किसानों के भारत बंद का समर्थन किया है। किसान संगठनों ने ऐलान किया है कि वे 28 मार्च को होलिका दहन पर नए कृषि कानूनों की प्रतियां जलाएंगे। आप भी जानिए 26 मार्च (शुक्रवार) को भारत बंद के दौरान देश में क्या-क्या खुला रहेगा और क्या बंद रहेगा। साथ ही जानिए सड़क और रेल पर कितना असर पड़ेगा।
क्या खुला और क्या बंद रहेगा
सड़कों को जाम नहीं किया जाएगा। इस वजह से यातायात पूरी तरह से सामान्य रहेगा। इसके अलावा भारत बंद के दौरान किसान रेल मार्ग को भी बाधित नहीं करेंगे। फैक्ट्रियों-कंपनियों को नहीं बंद करवाने का फैसला लिया गया है। पेट्रोल पंप, परचून की दुकानें, मेडिकल स्टोर, जनरल स्टोर और किताब की दुकानें भी इस दौरान खुली रहेंगी।
किसान नेता दर्शनपाल सिंह ने कहा कि दिल्ली की जिन सीमाओं पर किसानों के धरने चल रहे है वे सड़के पहले से बंद है। इस दौरान वैकल्पिक रास्ते खोले गए थे। कल के भारत बंद के दौरान वैकल्पिक रास्ते भी बंद रहेंगे।
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किसान मोर्चा ने कहा कि सभी प्रदर्शनकारी नागरिकों से अपील की जाती है कि शांत रहते हुए इस बंद को सफल बनायें। किसी भी प्रकार की नाजायज बहस में न उलझे।
इस भारत बंद के जरिए ज्यादा से ज्यादा लोगों का साथ चाहते हैं। इससे जनता को परेशानी उठानी पड़ेगी। किसान नेताओं ने अपने-अपने संगठनों से कहा है कि वो सड़कों पर जाम ना करें। इसके अलावा भारत बंद को दिल्ली के अलावा हर राज्य, हर जिले, तहसील और ग्राम स्तर तक ले जाने की बात कही गई है।
खास बात है यह दूसरी बार है, जब किसानों ने देशव्यापी हड़ताल का ऐलान किया है। किसानों ने इससे पहले बीती 8 दिसंबर को ‘बंद’ बुलाया था. इसका असर दिल्ली, हरियाणा, पंजाब, महाराष्ट्र, कर्नाटक, तमिलनाडु और असम में देखा गया था। इसके अलावा किसानों को कई ट्रेड यूनियन और संगठनों का साथ भी मिला था।किसानों के समर्थन में कांग्रेस और राकंपा समेत 24 विपक्षी दल आ गए थे।
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कांग्रेस का समर्थन
किसानों के भारत बंद का कांग्रेस, सीपीआईएम समेत कई दलों ने समर्थन किया है. कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने ट्वीट कर कहा, ”बहरे शासकों को जगाने के लिए निर्णायक संघर्ष की ज़रूरत पड़ती है. मौजूदा किसान आंदोलन इसी कड़ी का हिस्सा है. तीन सौ किसान भाईयों की शहादत के बावजूद मूकदर्शक बनी मोदी सरकार के लिए ये जागने का समय है. 26 मार्च को प्रस्तावित शांतिपूर्ण एवं गांधीवादी भारत बंद को हमारा समर्थन है.”