केंद्र सरकार एक ऐसे प्रस्ताव पर विचार कर रही है जिसके लागू होने पर कर्मचारियों को सप्ताह में 4 दिन करना होगा काम यानी उन्हें हफ्ते में 3 दिन की छुट्टी मिलेगी। हालांकि कर्मियों को हर हफ्ते पहले की तरह ही 48 घंटे काम करना होगा। जानकारी के मुताबिक श्रम रोजगार मंत्रालय के सचिव अपूर्व चंद्र ने इससे जुड़ी सभी जानकारी दी। चंद के मुताबिक मंत्रालय इनसे जुड़े चार लेबर कोड्स के नियमों को अंतिम रूप देने की प्रक्रिया को जल्द ही पूरा करने पर काम कर रही है।
इसपर अब राज्यों से राय ली जा रही है। इसके अलावा उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, पंजाब और जम्मू एंड कश्मीर राज्य स्तरीय लेबर कोड्स के मसौदे को 1 हफ्ते के भीतर तैयार कर रहे सकते हैं। सरकार एम्लाइज स्टेट इंश्योरेंस कारपोरेशन के जरिए कामगारो को मुफ्त में मेडिकल चेकअप का भी प्रस्ताव रखा है।
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कर्मचारियों को सप्ताह में 4 दिन करना होगा काम
नए लेबर कोड मे नियमों में ये विकल्प भी रखा जाएगा जिस पर कंपनी और कर्मचारी आपसी सहमति से फैसला ले सकते हैं। नए नियमों के तहत सरकार ने काम के घंटों को बढ़ाकर 12 तक करने को शामिल किया है। काम करने के घंटों की हफ्तों में अधिकतम सीमा 48 है ऐसे में कामकाजी दिनों का दायरा 5 घंटे से घट सकता है।
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तीन शिफ्ट में काम करने को दी जा सकती है मंजूरी
सरकार कंपनियों को तीन शिफ्ट में काम कराने की मंजूरी दे सकती है। इन तीनों शिफ्ट को लेकर कर्मचारीयों या कंपनियों पर कोई दबाव नहीं डाला जाएगा। यह प्रावधान लेबर कोर्ट का हिस्सा है। बदलते वर्क कल्चर के साथ तालमेल बनाने के लिए यह प्रावधान किया जा रहा है। इससे कर्मचारी के काम का तनाव कम होगा। साथ ही इस नियम से कंपनियों को भी फायदा होगा। इसके साथ ही स्टाफ ज्यादा सक्रिय और प्रोडक्टिव रहेंगा। जानकारों के अनुसार इन नियमों से आईटी और शेयर्ड सर्विसेज जैसे क्षेत्रों को सबसे ज्यादा फायदा होगा। ह्यूमन रिसोर्सेज और फाइनेंशियल वर्टिकल जैसे प्रोफाइल में काम करने वाले इस प्रैक्टिस को आसानी से स्वीकार कर सकते हैं।
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1 अप्रैल से होंगे चारों लेबर कोड्स लागू
केंद्र सरकार जो नियम तैयार कर रही है उसके जल्द पूरा हो जाने की उम्मीद है। चंद्र के मुताबिक इसे तैयार करने में सभी स्टेकहोल्डर से भी सलाह ली जा रही है। जल्द ही 4 कोड लागू हो सकते हैं। कोड ऑन वेजेज, इंडस्ट्रियल रिलेशंस, ऑक्यूपेशनल सेफ्टी, हेल्थ एंड वर्किंग कंडीशसं, सोशल सिक्योरिटी कोड्स। इससे पहले श्रम मंत्रालय ने इन चारों कानून को इस साल 1 अप्रैल 2021 से लागू करने का लक्ष्य निर्धारित किया था। केंद्र सरकार 44 केंद्रीय श्रम कानूनो को मिलाकर 4 कानूनों में रखने की प्रक्रिया के अंतिम चरण में है यह कानून पारिश्रमिक, इंडस्ट्रियल रिलेशस, सोशल सिक्योरिटी और अकुपेशल सेफ्टी एंड वर्किंग कंडीशंस को लेकर बनाए गए हैं।
कर्मचारियों को सप्ताह में 4 दिन करना होगा काम ईपीएफ के इस नए नियम में
- ईपीएफ पर टैक्स लगाने को लेकर बजट में हुए एलान पर और जानकारी देते हुए श्रम सचिव ने कहा कि इसमें ढाई लाख रुपए से ज्यादा निवेश होने के लिए टैक्स सिर्फ कर्मचारी के योगदान पर लगेगा।
- कंपनी की तरफ से होने वाला अंशदान इसके दायरे में नहीं आएगा या उस पर कोई बोझ नहीं पड़ेगा।
- साथ ही छूट के लिए ईपीएफ और पीपीएफ भी नहीं जोड़ा जा सकता है।
- ज्यादा वेतन पाने वाले लोगों की तरफ से होने वाले बड़े निवेश और ब्याज पर खर्च बढ़ने की वजह से सरकार ने यह फैसला लिया है।
- श्रम मंत्रालय के मुताबिक 6 करोड़ मे से सिर्फ 1 लाख 23 हजार अंशधारक पर ही इन नए नियमों का असर होगा।